Home 2023 महाभारत से : जानिए रहस्य, आखिर क्यों गंगा ने मार दिया था अपने 7 बेटों को

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

महाभारत से : जानिए रहस्य, आखिर क्यों गंगा ने मार दिया था अपने 7 बेटों को

महाभारत में कई ऐसी कहानियां हैं जिनके बारे में लोगों को पता तो है, लेकिन उसके पीछे की कथा का अंदाज़ा नहीं है। ऐसी ही एक कहानी है मां गंगा की।

भारत में किताबों का महत्व कितना है ये तो हम सभी जानते हैं और ऐसे में अगर पौराणिक ग्रंथों की बात करें तो उनकी पूजा की जाती है। भारतीय इतिहास किसी विशाल समुद्र की तरह है जिसे इतना समृद्ध बनाने में पौराणिक कथाओं का भी हाथ रहा है। ईसा और मूसा से लेकर राम और हनुमान तक भारत में हमें भगवान के कई रूप देखने को मिलते हैं और इनके बारे में हम पौराणिक ग्रंथों से जानते हैं। रामायण, महाभारत, भागवत गीता, कुरान, बाइबल सभी में ऐसी कई कहानियां बताई गई हैं जिनके बारे में शायद आपको न पता हो।

ऐसे कई राज़ इन कथाओं में छुपे हैं जो धर्म की कड़ी को जोड़ते हैं। महाभारत की बात करें तो ऐसी ही एक कहानी है जो न सिर्फ हमें मां गंगा के बारे में जानकारी देती है बल्कि वो भीष्म पितामह की जिंदगी के पहलुओं को भी दिखाती है। आज हम बात कर रहे हैं महाभारत की उस कथा की जहां मां गंगा अपने 7 बेटों को पैदा होते ही नदी में डुबोकर मार देती हैं।

महाभारत की कथा-

महाभारत में गंगा, राजा प्रतिपद और शांतनु की कथा है जहां श्राप मुक्ति का भी जिक्र है। दरअसल, स्वर्ग में 8 वासु थे जिन्हें श्राप मिला था कि वो पृथ्वी पर पैदा होंगे। पृथ्वी जिसे मृत्युलोक भी कहा जाता है वहां इंसान का जन्म पाप भोगने के लिए भी होता है।

इन 8 वासु का उद्धार करने के लिए गंगा ने ये कदम उठाया था। उन्हें अपने उदर से जन्म देकर गंगा ने अगले ही दिन मार दिया था ताकि उनका पृथ्वी पर जन्म लेने का श्राप पूरा हो सके और वो स्वर्गलोक में वापस जा सकें। गंगा ने 7 बेटों को तो मार दिया था, लेकिन आठवें बेटे के जन्म के बाद गंगा के पति शांतनु ने गंगा को रोक दिया था जिसके बाद गंगा शांतनु को छोड़कर चली गई थीं और उस आठवें पुत्र का नाम था भीष्म पितामह जिन्हें गंगा पुत्र भी कहा जाता है।

ये थी गंगा की कथा जिसे महाभारत में बताया गया है। पर इसमें मौजूद लोग कौन थे, श्राप क्या सिर्फ वासु के ऊपर था और वासु असल में थे कौन इसके बारे में भी हम आपको बताते हैं।

आखिर कौन थे 8 वसु-

हिंदू धर्म में वासु (वसु) असल में इंद्र और विष्णु के अनुयायी माने जाते हैं जो स्वर्ग में उनके साथ ही रहते थे। जिन अष्ट वासु का जिक्र यहां हुआ है उन्हें रामायण में कश्यप और अदिति के पुत्र बताया गया है और महाभारत में मनु या ब्रह्मा प्रजापति के पुत्र बताया गया है। इनके नाम भी रामायण और महाभारत में अलग हैं, लेकिन इनके नामों का मतलब एक है। ये 8 वासु 8 अलग-अलग चीज़ों को दर्शातें हैं जैसे, पृथ्वी, पानी, अग्नि, वायु, सूर्य, आकाश, चंद्रमा और सितारे।

कैसे मिला था इन 8 वसु को श्राप?

महाभारत के अनुसार, इन 8 वासु में से एक प्रभास की पत्नी द्यू ने एक दिन जंगल में एक गाय को देख लिया। ये गाय कोई आम गाय नहीं थी बल्कि ऋषि वशिष्ठ की गाय थी जिसे धरती पर उद्धार करने के लिए भेजा गया था। प्रभास ने अपने अन्य 7 भाइयों की मदद से इस गाय को चुरा लिया।

ऋषि वशिष्ठ को जब ये पता चला तो उन्होंने इन सभी को श्राप दे दिया कि ये मृत्यु लोक में जन्म लेंगे। इसके बाद सभी वासु क्षमा के लिए ऋषि के पास पहुंचे और उन्होंने उनमें से 7 को ये कहा कि वो अपने जन्म के 1 साल के अंदर ही मृत्यु लोक छोड़ देंगे और इस श्राप का पूरा दंड प्रभास को भोगना होगा। प्रभास दूसरी बार जन्म लेकर भीष्मा या भीष्म पितामह बने।

शांतनु और गंगा का श्राप और उनकी कथा-

जहां भी महाभारत का जिक्र आता है और गंगा के अपने ही पुत्रों को मारने की बात सामने आती है वहां पर वासु का श्राप ही बताया जाता है, लेकिन असल में ये गंगा और शांतनु के यहां ही क्यों पैदा हुए उसके पीछे भी एक कहानी है।

ये कहानी शुरू होती है शांतनु के पहले जन्म से जहां वो इक्ष्वाकु साम्राज्य को महान राजा महाभिष हुआ करते थे। उन्होंने हज़ारों अश्वमेध यज्ञ करवाए थे और मृत्यु के बाद स्वर्ग लोक में उन्हें जगह मिली थी। स्वर्गलोक में ब्रह्मा के दरबार में उनकी बेटी गंगा भी मौजूद थीं। इसी के साथ, अन्य देवतागण और अनुयायी भी मौजूद थे।

एक दिन जब दरबार में मौजूद सभी प्रार्थना मुद्रा में थे तब हवा के कारण गंगा के वस्त्र हिल गए। सभी ने ये देख अपना सिर झुका लिया, लेकिन महाभिष ने ऐसा नहीं किया। इसी के साथ, गंगा ने भी उन्हें रोका नहीं और दोनों एक दूसरे को देखते रहे।

ये देख भगवान ब्रह्मा क्रोधित हो गए और दोनों को मृत्यु लोक में पैदा होने का श्राप दिया। गंगा तभी वापस आ सकती थीं जब वो मृत्युलोक में महाभिष का दिल तोड़ देतीं।

ऐसा करने के बाद महाभिष ने ब्रह्मा से क्षमा मांगी और कुरू वंश के राजा प्रतिपा के घर जन्म लेने की बात कही। ऐसे में महाभिष की ये मंशा ब्रह्मा ने मान ली।

एक दिन कुरू राज प्रतिपा जंगल में ध्यान मग्न थे और गंगा एक खूबसूरत स्त्री का रूप लेकर उनकी दाईं जांघ पर जाकर बैठ गईं। जब प्रतिपा ने इसका कारण पूछा तो गंगा ने उनसे शादी की इच्छा जताई, लेकिन प्रतिपा का कहना था कि दाईं जांघ की जगह बेटी, बहू या फिर बेटे की होती है तो आप मेरे बेटे से शादी कर लीजिएगा। इसको लेकर गंगा मान गईं और उसके बाद जब प्रतिपा और उनकी पत्नी सुनंदा का बेटा शांतनु पैदा हुआ तो उसे किस्मत वश हस्तिनापुर का राजा घोषित किया गया।

शांतनु जब बड़े हुए तो जंगल में उन्होंने गंगा को देखा और उनसे शादी की इच्छा जताई।

गंगा और शांतनु की शादी की शर्त-

इस बात को मानने के लिए गंगा ने एक शर्त रखी और शांतनु से वचन लिया कि गंगा जो भी करेंगी शांतनु उनसे कभी सवाल नहीं करेंगे। जिस दिन शांतनु ने उनसे सवाल किया वो जवाब देकर फिर उन्हें छोड़कर चली जाएंगी।

ऐसे में गंगा और शांतनु दोनों ही पति-पत्नी की तरह हस्तिनापुर वापस आए और दिन बीतने के साथ गंगा ने शांतनु के पहले बेटे को जन्म दिया और उसके अगले ही दिन गंगा अपने नवजात को लेकर गईं और नदी में डुबो दिया। ऐसे ही गंगा ने 7 वासु को उनके श्राप से मुक्ति दे दी।

आठवीं संतान के समय शांतनु खुद को रोक नहीं पाए और गंगा को रोक दिया और पूछ लिया कि हस्तिनापुर का क्या होगा, उनका क्या होगा और क्या कभी उन्हें वारिस मिलेगा। इसके बाद गंगा ने उन्हें पूरी कहानी बताई और अपने बेटे के साथ चली गईं।

गंगा ने अपने बेटे को ऋषि वशिष्ठ से शास्त्रों की शिक्षा दिलाई और परशुराम से युद्ध अभ्यास की शिक्षा दिलवाई। युवा होने पर देवव्रत (भीष्म पितामह) को शांतनु के पास सौंप दिया।

इसके आगे की कहानी है जब देवव्रत भीष्म पितामह बनते हैं और उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान मिलता है, लेकिन वो फिर कभी।


– ” मोक्षभूमि ” डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज – त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।



नवीनतम जानकारी

पौराणिक कथा : क्या इंद्र के श्राप से शुरू हुए महिलाओं के पीरियड्स ? जानें इससे जुड़ी दूसरे धर्मों की पौराणिक कथा

Sawan Horoscope : सावन के महीने में किन राशियों के चमकेंगे सितारे, जानें राशिफल

उपाय : रोज के झगड़ों, वैवाहिक रिश्ते में प्यार और वैवाहिक संकट को दूर करने के लिए सावन में करे ये उपाय

पौराणिक कथा : जानिए किसने की थी कावड़ यात्रा की शुरुआत, इस परंपरा से जुड़ी है ये चार कथा

मंदिर : इकलौता ऐसा शिव मंदिर जहां खड़े हैं नंदी, पढ़िए आखिर क्या है इससे जुड़ी कथा

Vastu Tips: जानिए क्या कहता है वास्तु, घर में शिव परिवार की तस्वीर रखना ठीक है ?

19 साल बाद इस दुर्लभ योग में दो महीने का होगा सावन, जानें क्यों पड़ रहा है दो बार सावन ?

Weekly Horoscope (July 2 to July 8): इन 4 राशियों के जीवन में इस हफ्ते खुशियां देंगी दस्तक

Guru Purnima: महर्षि वेदव्यास ने की थी गुरु पूर्णिमा की शुरुआत, जानें कैसे मनाएं यह पवित्र पर्व

सावन महीने में भूल से भी न करें ये गलतियां, भगवान शिव हो सकते हैं नाराज

Vastu Tips: घर के मुख्य द्वार पर हल्दी का स्वास्तिक, जानिए कैसे है ये आपके लिए फायदेमंद

जानकारी : कब चढ़ाना चाहिए भगवान को नारियल ?

Shani Temple: श्री राधा रानी से भूमि उधार लेकर बनवाया था शनिदेव ने अपना ये मंदिर

Mars transit in Leo: मंगल का सिंह राशि में गोचर 1 जुलाई से, जानिए राशियों पर प्रभाव

रथयात्रा : आखिर भगवान जगन्नाथ जी के नाराज पत्नी से क्या नाता है रसगुल्ला का, जानिए कैसे मनाते है महालक्ष्मी को

July Rashifal: इन 4 राशियों के लिए बेहद खतरनाक महीना रहेगा जुलाई, क्या आपकी राशि भी है इसमें शामिल

Jagannath RathYatra: मौसी के घर से लौटने के बाद होती है ‘अधर पना’ की रोचक रस्म

अम्बूबाची : जब देवी के रजस्वला होने पर मनाया जाता है उत्सव, जानिए क्या है इसकी कहानी !

Jagannath Rath Yatra: बेहद अनूठी है ‘हेरा पंचमी’ रस्म, आखिर क्यों क्रोधित मां लक्ष्मी तोड़ देती हैं जगन्नाथ जी का रथ

Jagannath Rath Yatra: क्या है प्रभू जगन्नाथ का ‘बहुदा यात्रा’, जानिए इस यात्रा का पूरी जानकारी

Devshayani Ekadashi mantra : भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप

Vastu Tips: घर के मुख्य द्वार पर रखें पानी से भरा बर्तन, आएगी सुख समृद्धि

आखिर कैसे होता है किन्नरों का दाह संस्कार, जूतों से पिटाई का मतलब


श्रावण मास विशेष ( 4 जुलाई से 31 अगस्त तक )

देव स्थान : एम पी का पशुपतिनाथ महादेव का अद्भुत मंदिर, दुनियाभर में ये एकलौता शिवलिंग जिसके…

Savan mas : सप्ताह के सभी 7 दिन बरसेगी भोलेबाबा की कृपा, बस शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें

Atsro tips : विवाह का नहीं बन रहा है कोई योग या शादी में आ रही अड़चन तो सावन में करें ये उपायों

Kanwar Yatra : क्या है कावड़ यात्रा, सावन महीने में इस बार है दो शिवरात्रि, जानें जलाभिषेक के लिए कौन-कौन से है खास दिन

Sawan maas : इस बार का श्रावण है अद्भुत ! 59 दिन के श्रावण में 8 सोमवार

क्या आप जानते हैं सारे ज्योतिर्लिंग जमीन तल से नीचे क्यों स्थित हैं, कितने प्रकार के होते हैं शिव लिंग


व्रत, तीज और त्यौहार

Chaturmas 2023: चातुर्मास आज से प्रारंभ, जानिए इसके मायने और महत्व

Shubh Muhurat July 2023: चातुर्मास लगने की वजह से जुलाई में किये जा सकते हैं सिर्फ ये शुभ कार्य

Raksha Bandhan 2023: इस साल दो दिन मनेगा रक्षाबंधन पर्व, जानें तिथि और शुभ मुहूर्त

Devshayani Ekadashi: देवशयनी एकादशी का है खास महत्व, श्री कृष्ण भी बता चुके हैं इस व्रत के लाभ

Devshayani Ekadashi : आज देवशयनी एकादशी, भूलकर भी ना करें ये काम

Shukra Gochar : शुक्र का राशि परिवर्तन 7 जुलाई से, इन राशियों की चमकेगी किस्मत

दिन के अनुसार चुनें अपने कपड़ों का कलर, ग्रहों से है क्या रंगों का कनेक्‍शन

दैनिक पंचांग / राशिफल

Aaj Ka Rashifal 05 July : मेष को मिलेगा धन, जानिए बाकी के राशियों का हाल

Aaj Ka Rashifal 04 July : मेष को मिलेगा भाग्य का साथ, जानिए बाकी के राशियों का हाल

Aaj Ka Rashifal 3rd July: तुला राशि वाले ना करें आज ये गलती, इन राशियों की भी बढ़ेगी मुश्किलें

Aaj Ka Rashifal 02 July : इस राशि के जातकों को होगा धनलाभ, बाकी राशियों का जानिए हाल


चाणक्य की बातें

चाणक्य की बातें : इन 4 तरह के आदतों के लोगों को हमेशा अपने घर से रखे दूर , वरना …

Chanakya ki bat : जीवन में होने लगे ऐसी घटनाएं तो समझ लें मां लक्ष्मी हैं क्रोधित, आर्थिक संकट है नजदीक

थोड़ा नुकसान उठा लीजिए, मगर जीवन में इन 7 लोगों से कभी मदद मत मांगिए


ग्रह चाल और आप

Vish Yog 2023: इन तीन राशियों के लिए है बेहद अशुभ, शनि और चंद्रमा की युति से बन गया है विष योग

Jyotish : आपके और जीवनसाथी की राशि है तो इसका ये होगा विवाह पर असर

Planet : आपकी परेशानियों के पीछे शनि और राहु की युति तो नहीं

धन, संपदा, लग्जरी लाइफ का भी प्रतिनिधि ग्रह शुक्र की वृषभ में बुध का गोचर, जानिए क्या होगा असर?



कथाएं महाभारत की ..

Mahabharat Katha: किस श्राप के कारण अर्जुन बन गए थे किन्नर?

क्या चीर हरण के समय द्रौपदी रजस्वला थी ? जानिये ‘बोल्ड’ द्रौपदी से जुडी पूरी बातें

जानिये किसका अवतार थीं लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला

जब कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछा मेरा दोष क्या था.? पढ़िए श्री कृष्ण का जवाब…

कौन हैं सुदर्शन चक्र ? जानें कैसे बने श्री कृष्ण का अस्त्र

महाभारत काल के वो पांच गांव, जिसकी वजह बना महाभारत युद्ध

जानिए पांडवो के स्वर्ग जाने की कथा, किन वजहों से पांचो पांडव बारी बारी नीचे गिरकर मृत्यु को प्राप्त हुए

निर्जला एकादशी : जानिए जब युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा था एकादशी व्रत की जानकारी, फिर ..


वास्तु शास्त्र ..

Astro tips : आखिर क्यों खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए ? पढ़िए क्या कहता है शास्त्र

Astro Tips : जानिये उन संकेत को जो बताते है आपका औरा है कमजोर

जानिए गाय, कुत्ता, कौवा, चींटी और पक्षी को खिलाने और पानी पिलाने से क्या है किस्मत का कनेक्शन

घर में सुख-शांति के लिए आजमाए वास्तु के ये कारगर उपाय

Vastu Tips: वास्तु पुरुष के मुख से निकलता रहता है तथास्तु, घर में कभी न बोलें बुरे वचन


पवित्र देव स्थान

Dev sthan : तेलंगाना में तैयार हो रहा है दुनिया का पहला 3 डी मंदिर

पत्थर रूप में ही क्यों शिंगणापुर में प्रकट हुए शनि पढ़िए पुरी कहानी

देव स्थान : बिना भगवान रथ पर बनें इस मंदिर के 56 स्तंभों से निकलता है संगीत..

एक मंदिर जहां नरसिंह देवता के पतले हो रहे हाथ, आखिर क्या है रहस्य, जानिए

जानिए आखिर कहां कहां है माता सीता का मंदिर, क्यों है ख़ास


धार्मिक मान्यतायें

Vastu Tips: जानिए किस दिशा की ओर होनी चाहिए जलते दीपक की लौ, क्या होते है इसके मायने
ज्ञानवापी मामला : जानिए पुरे मामले में अब तक क्या क्या हुआ ?

Ashadha Amavasya : आषाढ़ अमावस्या पर इन सरल उपायों से पितरों को करें खुश, उनकी कृपा से होगा उद्धार

जानिए किन कारणों से एकादशी के दिन नहीं खाते चावल

पूजा- पाठ : सूर्य देव की पूजा करने से मिलते हैं ये चार बड़े लाभ

जानिए क्या अंतर होता है पूजा और आरती के बीच में

Naked Bath: कभी भी न करें बिना कपड़े के स्नान, क्योंकि इनकी नाराजगी कर सकता है आपका नुकसान

Svapn vichar : सपने में खुद को आम खाते हुए देखने का क्या है मतलब? आम के सपने भी होते हैं ख़ास

Death in Dream: मौत के सपने आना और उसके प्रतीकात्मक अर्थ के गहरे रहस्यों के बारे में जानें

पूजा-पाठ के दौरान पत्नी को पति के किस तरफ बैठना चाहिए, आखिर क्या है वजह

जानिए आखिर प्रसाद लेने के बाद सिर पर हाथ क्यों घुमाते हैं ?


पौराणिक कथाएं

पौराणिक कथा – आखिर किसके श्राप की वजह से हुआ था रावण की लंका का दहन

पौराणिक कथा : क्या आप जानते हैं पौराणिक कथाओं के अनुसार गंगा नदी के उद्गम की कहानी

कुत्ता और मूषक को देवी-देवताओं ने अपनी सवारी चुना, मगर क्यों बिल्ली को किया नजरअंदाज

क्या आप जानते हैं शंख से शिवजी ने किया था विषपान! आज भी है मंदार पर्वत पर मौजूद

Shani dev : आखिर क्यों शनि की सवारी है कौआ, क्या है इसका धार्मिक महत्व ?

Narad Jayanti: पढ़िए नारद मुनि के पत्रकार बनने की पौराणिक कथा, नारद मुनी थे पूर्व जन्म में….

Shri Ram Brother In Law: पौराणिक कथा में जानें कौन थे श्री राम के जीजा जी

” कर्पूर गौरम करुणावतारम ” मंत्र से मिलते हैं अनगिनत फायदे, जानें इसका मतलब और महत्व

राक्षसी होलिका, कैसे बनी एक पूजनीय देवी, जानें रोचक पौराणिक कथा

Mahabharat katha : आखिर क्यों गंगा ने मार दिया था अपने 7 बेटों को

पौराणिक कथा में पढ़िए कौन है खाटू श्याम जी, क्या है उनकी कहानी और 11 अनजाने रहस्य

कौन थीं शबरी ? जानिए इनके माता पिता और गुरु को

महाभारत का युद्ध : आखिर 18 नंबर से क्या था कनेक्शन, क्यों चला था 18 दिन युद्ध ?

पौराणिक कथा : जानिए आखिर कैसे हुई थी श्री राधा रानी की मृत्यु ?




प्रयोग / उपाय / टोटका ..

Vastu Tips: किचन में इस्तेमाल होने वाला चकला- बेलन किस दिन खरीदें, जानें वास्तु से जुड़ी कुछ बातें

उपाय : खुशहाली के लिए महिलाएं सिंदूर से करें ये अचूक उपाय

यदि हैं आज कोर्ट कचहरी के चक्कर से परेशान, राहत के लिए आजमाये ये उपाय
J
छिड़कें दो चुटकी नमक, मिलेगा जोरदार तरक्की आपको अपने करियर में

Hari Elaichi Ke Upay: नाकामयाबी को दूर कर सकते हैं हरी इलायची के ये उपाय


अवश्य पढ़िए..

मंगलवार को न करें इन चीजों को खरीदने की भूल

Astro tips : गुरुवार को इन चीजों की खरीदारी को माना जाता है अपशकुन

Friday Shopping Rules: शुक्रवार को भूल से भी न खरीदें ये चीजें, हो सकता है परेशानी

Saturday Shopping Rules: शनिवार को इन चीजों की खरीदारी से शनिदेव होते हैं नाराज, देते हैं कठोर परिणाम

Sunday Shopping Rules: रविवार को इन चीजों की खरीदारी की है मनाही, सूर्य देव को गुस्सा दिलाती हैं ये चीजें

घर में गंगाजल रखना है शुभ फिर क्यों गंगा मूर्ति रखने की है मनाही

जानिए जब आपके घर में दिखें ये संकेत तो आपके घर हो सकता है पितृ दोष

Chewing Nails Signs: कहीं आप में भी नाखून चबाने की तो नहीं है आदत, जानिए दरिद्रता संग और क्या है नुकसान ल्य

Wearing Tree Roots: ग्रहओं को शांत ही नहीं बीमारियों से मुक्त करते है इन पेड़ों की जड़

आखिर क्यों भंडारे में नहीं करना चाहिए भोजन, जानें असल कारण

अनोखा भंडारा : रात के अंधियारे में जलती चिताओं के बीच लोग ग्रहण करते हैं भंडारा, जानिए परंपरा

भंडारा : जानें कैसे हुई शुरुआत भंडारे की, क्या है इसे जुड़ी कथा

क्यों बद्रीनाथ में नहीं बजाया जाता शंख, जानें इसके पीछे का बड़ा रहस्य

क्या होता है पंचक, पंचक क्यों नहीं करते हैं ये पांच कार्य

जानिए हर दिन कौन कौन से पड़ते हैं काल, क्या हैं उनके नाम

शनिवार को शनि की साढ़ेसाती और ढैया के करिये ये उपाय

क्या आप भी किसी की हथेली पर बिना सोचे समझे रखते हैं कुछ भी सामान.. हो सकता हैं नुकसान

इन पांच लोगों से डरते हैं शनि देव, जानें कौन हैं ये

नई दुल्हन को काले कपड़े पहनने की क्यों होती है मनाही, जानें सही वजह

परेशानियों से बचने के लिए 5 वस्तुएं को सदा रखे तुलसी से दूर

ज्योतिष के अनुसार माथे पर चंदन का तिलक लगाने के फायदे

किनको और क्यों रखना चाहिए शिखा या चोटी, मिलता हैं ये लाभ…

भगवान विष्णु, राम और कृष्ण की तरह क्यों नहीं लगता महादेव के आगे ‘श्री’

शनि देव को शांत करने के पाँच प्रयोग, पढ़िए ब्रह्म पुराण’ में क्या कहते है शनिदेव


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111


डिसक्लेमर

इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।


Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!