सावन मास में ये दिन हैं रुद्राभिषेक के लिए बेहद ख़ास, जानिये ध्यान देने वाली बातें
रुद्राभिषेक करने के लिए सबसे शुभ महीना सावन का होता है। इस महीने में कुछ विशेष दिनों में इस अनुष्ठान को करने की सलाह दी जाती है, जिससे घर की खुशहाली बनी रहे।
सावन का महीना मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने में शिव जी का पूजन पूरे श्रद्धा भाव से किया जाता है और रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि यदि भक्त रुद्राभिषेक का आयोजन घर या मंदिर में करते हैं तो उनकी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
रुद्राभिषेक के दौरान भगवान शिव को पवित्र जल, दूध, शहद, घी और अन्य प्रसाद से स्नान कराया जाता है। यह सावन के महीने में एक बहुत लोकप्रिय अनुष्ठान है, जिसे भगवान शिव के लिए बहुत पवित्र महीना माना जाता है।
सावन में रुद्राभिषेक करने के कई अलग कारण हैं और इसके अनगिनत फायदे हैं। लेकिन आपके लिए यह जान लेना भी जरूरी है कि रुद्राभिषेक सावन के महीने में किस दिन करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
वहीं इस साल सावन की शुरुआत 4 जुलाई से जारी है और मलमास होने की वजह से इस साल दो महीने सावन रहेगा।
रुद्राभिषेक की शुभ तिथियां
सावन के महीने में रुद्राभिषेक करने के लिए इसका शुभ समय पर होना बहुत ही ज़रूरी माना जाता है। सावन के महीने में मुख्य रूप से किसी भी सोमवार के दिन रुद्राभिषेक सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
इस दिन रुद्राभिषेक करने से आपको मनवांछित फल मिल सकते हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकती है। अगर हम सावन के माह में कुछ विशेष दिन जैसे की सावन की शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करते हैं तो अत्यंत शुभ होगा।
इस साल मलमास है इसलिए यदि आप सावन शुरू होने के शुरुआती 15 दिनों में और समापन के 15 दिनों में किसी भी दिन रुद्राभिषेक कर सकते हैं।
आप 4 जुलाई से 17 जुलाई तक और 17 अगस्त से 31 अगस्त तक किसी भी तिथि में रुद्राभिषेक कर सकते हैं।
सावन में रुद्राभिषेक क्यों करना चाहिए
सावन का महीना भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है और रुद्राभिषेक उनके प्रति अपनी भक्ति दिखाने और उनका आशीर्वाद पाने का एक आसान तरीका माना जाता है।
शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए रुद्राभिषेक एक शुभ अनुष्ठान माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पवित्र जल में सफाई के गुण होते हैं और वे शरीर और मन को शुद्ध करने में मदद करते हैं।
अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि लाने के लिए रुद्राभिषेक एक अच्छा तरीका माना जाता है।
जीवन में आने वाली बाधाओं और नकारात्मकता को दूर करने के लिए रुद्राभिषेक एक अच्छा तरीका है जिसमें बाधाओं और नकारात्मकता को दूर करने की शक्ति होती है।
मोक्ष प्राप्त करने के लिए रुद्राभिषेक एक बहुत शक्तिशाली अनुष्ठान माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि यह मोक्ष या जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
रुद्राभिषेक एक बहुत ही पवित्र और शुभ अनुष्ठान है और इसमें सम्मिलित होने वाले सभी लोगों को भगवान शिव से जुड़ने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
रुद्राभिषेक करने के नियम
रुद्राभिषेक करने के लिए आपको उपयुक्त दिन चुनना है।
इसके लिए सामग्री तैयार करें जिसमें पवित्र जल, दूध, शहद, घी और अन्य प्रसाद शामिल हैं।
अनुष्ठान के लिए साफ़ स्थान चुनें जैसे किसी मंदिर में या अपने घर में ही किया जा सकता है।
रुद्राभिषेक करने के लिए एक ब्राह्मण को आमंत्रित करें जो मन्त्रों के जाप से रुद्राभिषेक को सफल बनाए।
भगवान शिव की पूजा करें और शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
रुद्राभिषेक एक ऐसा अनुष्ठान है जिसे पुरोहित के निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करते हुए करना चाहिए।
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