Vart : व्रत या उपवास के लिए बहुत जरूरी होते हैं ये नियम, करने से पहले जरूर जान लें इन बातों क़ो
सनातन धर्म में तमाम तरह के व्रत ईश्वरीय कृपा पाने से लेकर तमाम तरह की मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए किया जाता है । मान्यता है कि तन और मन से शुद्ध होकर किए जाने वाले व्रत से व्यक्ति का चित्त निर्मल एवं पवित्र हो जाता है और उसे मानसिक एवं आत्मिक शक्ति प्राप्त है। विधि-विधान से किए जाने वाले व्रत से बड़ा कोई तप नहीं होता है। ऐसे में किसी भी व्रत की सफलता के लिए जिन नियमों का हमेशा ख्याल रखना चाहिए, उसे जानना जरुरी है।
किसी भी देवी-देवता या फिर ग्रह विशेष की कृपा पाने के लिए रखा जाने वाला व्रत हमेशा पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाना चाहिए। मान्यता है कि आधे-अूधरे मन से किया जाने वाला कोई भी व्रत संकल्प नहीं होता है।
किसी भी व्रत को शुरु करने से पहले शुभ तिथि या शुभ दिन और शुभ मुहूर्त का विचार अवश्य करना चाहिए। जिस दिन व्रत शुरु करना हो, उस दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान करने के बाद सीधे हाथ में जल लें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके अपने आराध्य देवी-देवता को ध्यान करते हुए एक निश्चित संख्या में व्रत करने का संकल्प और मनोकामना को पूरी करने की प्रार्थना करें। इसके पश्चात् उस जल को किसी गमले या पेड़ की जड़ में छोड़ दें। इनका रखे विशेष ध्यान
व्रत वाले दिन किसी के प्रति ईष्र्या, द्वेष, गुस्सा आदि नहीं करना चाहिए, बल्कि व्रत वाले दिन अधिक से अधिक समय तक मौन रहते हुए अपने इष्टदेव से जुड़े मंत्र का जप करना चाहिए।
इस दस नियम पर ध्यान दें, क्षमा, सत्य, दया, दान, शौच, इन्द्रिय-संयम, देवपूजा, अग्निहो़त्र, संतोष तथा चोरी ना करना।
बार-बार पानी पीने से, पान खाने से, दिन में सोने से, मैथुन करने से उपवास दूषित हो जाता है।
यदि किसी कारणवश आपका व्रत खंडित या छूट जाए तो संकल्पित व्रतों की संख्या में एक और दिन व्रत करके उसे पूरा करें।
व्रत वाले दिन साधक को हमेशा हल्का सुपाच्य फलाहार करना चाहिए और भूलकर भी किसी प्रकार का नशा या तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
यदि कोई स्त्री रजस्वला हो जाए तो उसे उस दिन व्रत नहीं करके यही नियम अपनाना चाहिए।
व्रत के पूर्ण होने पर उसका विधि-विधान से उद्यापन करें और अधिक से अधिक लोगों को प्रसाद बांटते हुए घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें। मनोकामना और व्रत के पूरा होने पर खुद को धन्य मानते हुए अपने इष्टदेव और पितृगण के प्रति जरूर आभार प्रकट करें।
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