कपूर और किचेन : किचन में रोज जलाएं कपूर का टुकड़ा, कई दोषों से रहेंगे मुक्त
आपका किचन घर के उन स्थानों में से है जिसमें पूर्ण ऊर्जा होने से घर के लोगों की सेहत अच्छी बनी रहती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
कपूर का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है और इसे शुद्धिकरण की सामग्रियों में से एक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि घर में कपूर का एक टुकड़ा जलाने से सुख समृद्धि बनी रहती है और खुशहाली आती है।
इसी वजह से पूजा के समय भी आरती में कपूर का इस्तेमाल किया जाता है और इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सकता है। जिस तरह घर में कपूर जलाना शुभ माना जाता है, वैसे ही किचन में भी यदि आप नियमित रूप से कपूर का एक टुकड़ा जलाती हैं तो सदैव खुशहाली बनी रहती है।
यह किचन के वातावरण को शुद्ध करने के साथ उस स्थान पर खाना बनाने वाले व्यक्ति के मन को भी शुद्ध करने में मदद करता है। आइए वास्तु एक्सपर्ट मधु कोटिया से जानें किचन में कपूर जलाने के फायदों के बारे में।
किचन की ऊर्जा को शुद्ध करता है कपूर
वास्तु किसी स्थान के भीतर ऊर्जा प्रवाह की अवधारणा पर जोर देता है। किचन को एक महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है जहां पोषण और जीवन ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करने वाला भोजन तैयार किया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि कपूर जलाने से किचन की ऊर्जा शुद्ध और शुद्ध होती है, जिससे इस जगह बनाया जाने वाला भोजन में सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर हो जाता है और इस भोजन का सेवन करने वाले लोगों को भरपूर पोषण के साथ अच्छी सेहत का आशीर्वाद भी मिलता है।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश करता हैं कपूर
वास्तु सिद्धांतों के अनुसार, किचन में अग्नि तत्व की वजह से कई बार नकारात्मक ऊर्जाओं का वास होने लगता है। कई बार किचन के किसी कोने में नकारात्मक ऊर्जा बैठ जाती है। ऐसे में जब आप इस स्थान पर लौंग के साथ कपूर जलाती हैं तो किसी भी तरह की बुरी ऊर्जा बाहर निकल जाती है और आपके भोजन में होने वाले दुष्प्रभाव को रोकने में मदद करती है। खाना पकाने के लिए अनुकूल माहौल बनाए रखने के लिए भी इसे जरूरी माना जाता है
पांच तत्वों को संतुलित करने के लिए कपूर जलाएं
वास्तु का संतुलन बनाए रखने में पांच तत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष का विशेष महत्व है और हमें इसे जानने की जरूरत है। किचन में कपूर जलाने की प्रक्रिया अग्नि तत्व से जुड़ी होती है।
इस अग्नि ऊर्जा को सचेत रूप से शामिल करने के लिए और इन पांच तत्वों को नियंत्रित करने के लिए किचन में नियमित रूप से शाम के समय कपूर जलाने की सलाह दी जाती है। इससे किसी भी तरह की ऊर्जा को नियंत्रित किया जा सकता है।
किचन में कपूर जलाने के आध्यात्मिक लाभ
घर में कपूर जलाने से कई आध्यात्मिक लाभ तो होते ही हैं और यदि आप किचन में कपूर जलाते हैं तो इसके भी आपको बहुत से लाभ मिलते हैं। दरअसल ऐसा माना जाता है कि कपूर जलाने में निकलने वाला धुआं घर के किचन में सकारात्मकता और शांति का वातावरण बनाता है जिससे खाना बनाते समय मानसिक शांति मिलती है और खाने का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है।
जिस तरह से कपूर जलाने से किसी तरह के अवशेष नहीं बचते हैं उसी तरह से जब हम कपूर जलाते हैं तो यह इस बात का संकेत होता है कि खाना बनाते समय आपके मन में भी कोई विकार न हों जिससे खाने पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़े।
कपूर जलाना एक शुभ शुरुआत
जब हम किचन में खाना बनाते हैं तो ये दिन की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। यदि हम किचन में सुबह प्रवेश करते ही कपूर जलाकर दिन की शुरुआत करते हैं तो इससे आपके पूरे दिन की अच्छी शुरुआत होती है।
इससे आपके मन मस्तिष्क को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ने की प्रेरणा भी मिलती है। इसी वजह से सुबह उठने के बाद स्नान करके जब भी आप किचन में प्रवेश करें कपूर का एक टुकड़ा जलाकर इसका धुआं पूरे घर में फैलने दें।
किचन में कपूर जलाने से वास्तु दोष दूर होते हैं
कई बार घर के किसी सदस्य की सेहत बिना वजह खराब होने लगती है और इसका कारण पता कर पाना मुश्किल होता है। दरअसल इसका कारण आपके घर का वास्तु दोष भी हो सकता है। सेहत के लिए आपको सबसे पहले किचन के वास्तु को दूर करने की जरूरत होती है। किचन के वास्तु दोष को दूर करने के लिए आप किचन में कपूर के साथ दालचीनी या लौंग जला सकती हैं।
कपूर जलाने से खाना पकाने की ऊर्जा बढ़ती है
किचन में कपूर जलाने से खाना पकाने के लिए आवश्यक सकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। ऐसा माना जाता है कि यह भोजन को सकारात्मक ऊर्जा से भर कर परिवार के समग्र कल्याण में योगदान देता है। यही नहीं इस अनुष्ठान से घर के सभी लोगों की सेहत भी अच्छी बनी रहती है।
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