Gyanvapi mamala: जानिए वाराणसी के जिला जज एके विश्वेश को? जिन्होंने रिटायरमेंट के दिन सुनाया ऐतिहासिक फैसला
वाराणसी ज्ञानवापी मामले से जुड़े व्यासजी के तहखाने में पूजा पाठ मामले को लेकर वाराणसी के जिला जज अजय कुमार विश्वेश द्वारा बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। साल 2016 में डाली गई याचिका पर सुनवाई 30 जनवरी को पूरी हो चुकी थी।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला अजय द्वारा फैसला सुरक्षित रख लिया गया था और बुधवार को फैसला सुनाने के लिए तिथि नियत की गई थी। बुधवार को जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश द्वारा व्यास जी के परिवार को तहखाना में पूजा का अधिकार दे दिया।
वाराणसी के जिला जज द्वारा फैसला सुनाए जाने के कुछ ही घंटे बाद वे रिटायर्ड होने वाले थे। ऐसे में रिटायरमेंट में दिन उनके द्वारा ऐतिहासिक फैसला सुनाए जाने से उनके रिटायरमेंट का दिन भी यादगार हो गया।
जिला जज द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद न्यायालय के बाहर जहां हिंदू पक्ष से जुड़े लोग और अधिवक्ताओं द्वारा जश्न मनाया जा रहा था। वहीं दूसरी तरफ जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की विदाई का कार्यक्रम भी चल रहा था।
पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार में हुई थी पहली पोस्टिंग
डॉ अजय कृष्ण विश्वेश मूल रूप से उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद के रहने वाले हैं। 7 जनवरी 1964 को उनका जन्म हुआ था। उनके पिता शिव दत्त शर्मा हरियाणा में रहते थे, ऐसे में उनकी शुरुआती पढ़ाई कुरुक्षेत्र में ही हुई।
डॉ विश्वेश 1984 में एलएलबी और 1986 में एलएलएम किया है। एलएलबी और एलएलएम की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनके न्यायिक सेवा की शुरुआत 1990 में शुरू हुई। मुंसिफ मजिस्ट्रेट के तौर पर उनकी पहली पोस्टिंग पावरी गढ़वाल के कोटद्वार में हुई थी।
वाराणसी के पहले प्रयागराज और सहारनपुर के भी जिला जज की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। वाराणसी में जिला जज बनने के बाद जब से ज्ञानवापी के मामले की सुनवाई शुरू हुई तब से डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश हमेशा सुर्खियों में रहे। ज्ञानवापी परिसर में स्थित तहखाना में हिंदू पक्ष को पूजा के अधिकार पर फैसला सुनाने के अलावा कई अन्य ऐतिहासिक मामलों में भी डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश फैसला सुना चुके हैं।
आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो आप इसे फेसबुक, व्हाट्सप्प पर शेयर और लाइक करें। ताकि 12 भाषा की काशी की पहली धार्मिक न्यूज़ पोर्टल “मोक्ष भूमि” की यह जानकारी दूसरे सनातनी को मिल सके
नवीनतम जानकारियां
Eksloki ramayan : एकश्लोकी रामायण में मात्र एक श्लोक में संपूर्ण राम कथा
शनि देव के प्रिय इस पौधे के हैं अनगिनत फायदे, मां लक्ष्मी की कृपा से बदल जाते हैं दिन
मकर संक्रांति : राशि के अनुसार दान करने से मिलता है दान का सौ गुना लाभ, अभी से कर लेंगे तैयारी …
जानें आखिर शिव मंदिर में क्यों बजाते है ताली, ये है पौराणिक महत्व
Ullu : आपके घर पर यदि दिखा है उल्लू, तो जानिए क्या है इसके मायने ?
Lord Dattatreya : जयंती पर जानिए भगवान दत्तात्रेय के तीन मुख का रहस्य ओर इनके 24 गुरुओं के नाम
वर्ष 2024 के कैलेंडर लगाने से पहले वास्तु को भी जान लें, पुरे वर्ष बनी रहेगी समृद्धि
Rashifal 2024: इन राशियों के जीवन में आएगा बड़ा बदलाव, किस्मत करवट लेने को है तैयार
जब विष्णुजी के शरीर से कन्या का हुआ जन्म, जानिए कैसे उत्पन्न हुई एकादशी ?
भैरव को प्रसाद में शराब का चढ़ावा, षड्यंत्र है या परंपरा ? जानिए क्या है धर्म ग्रंथ में
December Birthday : जानिए क्या खास होता है दिसंबर के महीने में पैदा हुए जातको में
Astro guru : इन तीन राशि के जातकों का साल 2024 रहेगा शानदार, जानिए कौन है इसका कारक
Vastu shastra : कहां रखना चाहिए झाड़ू…? गलत जगह झाड़ू रखने से क्या होता है..
वास्तु : घर में दो शमी के पौधे रखना ठीक या गलत, जानें इसकी दिशा और ख़ास बातें
Ahoi ashtami : संतान प्राप्ति में हो रही है देरी, नहीं ठहरता है गर्भ, इस व्रत से मिलेगी सफलता
Papankusha Ekadashi : इस कथा के पाठ से होती है 1000 अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति
चाणक्य की बातें
चाणक्य की बातें : इन 4 तरह के आदतों के लोगों को हमेशा अपने घर से रखे दूर , वरना …
थोड़ा नुकसान उठा लीजिए, मगर जीवन में इन 7 लोगों से कभी मदद मत मांगिए
कथाएं रामायण की ..
Ramayan : श्री राम के अलावा इन योद्धाओं के हाथों मरते-मरते बचा था रावण
कथाएं महाभारत की ..
Mahabharata : क्या गांधारी के श्राप के कारण अफगानिस्तान का हुआ है ये हाल ?
महाभारत से : जानिए रहस्य, आखिर क्यों गंगा ने मार दिया था अपने 7 बेटों को
Mahabharat Katha: किस श्राप के कारण अर्जुन बन गए थे किन्नर?
क्या चीर हरण के समय द्रौपदी रजस्वला थी ? जानिये ‘बोल्ड’ द्रौपदी से जुडी पूरी बातें
जानिये किसका अवतार थीं लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला
जब कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछा मेरा दोष क्या था.? पढ़िए श्री कृष्ण का जवाब…
कौन हैं सुदर्शन चक्र ? जानें कैसे बने श्री कृष्ण का अस्त्र
महाभारत काल के वो पांच गांव, जिसकी वजह बना महाभारत युद्ध
निर्जला एकादशी : जानिए जब युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा था एकादशी व्रत की जानकारी, फिर ..
Leave a Reply