शिव की नगरी में हनुमान जयंती की धूम, जगह-जगह से निकल जा रही है झाकियां, हनुमत सेवा समिति की यात्रा ने रचा इतिहास
– हनुमान ध्वजायात्रा में उमड़ा आस्था का ज्वार
– भिखारीपुर से निकली यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई संकट मोचन के दरबार मे हाजिरी
– विश्वनाथ की नगरी में श्री राम मंदिर की झाँकी में स्थापित राम लला क़े दर्शन से निहाल हुए भक्त
– हनुमान यात्रा ने अपने 21 वें साल रचा इतिहास
वाराणसी, 23 अप्रैल। हाथों में लहराती लाल-केशरिया ध्वजाएँ, मुख से जय श्रीराम के गगनभेदी उदघोष, साथ मे डमरूओं की डम डम से गुंजायमान वातावरण में राम नाम संकीर्तन करता मण्डलियों का समूह। बस आंखों में अपने आराध्य प्रभु हनुमंत लाल के दर्शन की आस लिए हजारों भक्त चिलचिलाती गर्मी मे नंगे पाँव श्री संकट मोचन हनुमान जी की चौखट तक पहुँच खुद को धन्य करते रहे। यह दृश्य मंगलवार को है हनुमत सेवा समिति, नेवादा द्वारा निकाली गयी हनुमान ध्वजायात्रा के अवसर पर दिखलाई पड़ा। भिखारीपुर तिराहे से संकट मोचन मंदिर तक पूर्वांचल भर के भक्तों का सैलाब देख लगा मानो आस्था का ज्वार उमड़ गया हो। आस्थावानों का हुजूम इस कदर रहा कि 5.25 किलोमीटर की यह यात्रा पूरी करने में 4 घण्टे से ज्यादा का समय लग गया। इसके पूर्व ध्वजायात्रा का शुभारंभ प्रातः7 बजे भिखारीपुर तिराहे पर मुख्य अतिथि अन्नपूर्णा मंदिर के महंत स्वामी शंकर पुरी, समिति के अध्यक्ष रामबली मौर्य …. आदि ने देव विग्रहों का षोड़शोचार पूजन और आरती कर किया।
विश्वनाथ की नगरी में श्री राम मंदिर की झाँकी में स्थापित राम लला क़े दर्शन से निहाल हुए भक्त
500 वर्षो की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में बने भव्य राममंदिर की अदभुत झाँकी शिव क़े नगरी में पहली बार हनुमान ध्वजायात्रा में सजाई गयी, ध्वजायात्रा में विशेष रूप से तैयार किये गए ट्राला पर 25 फ़ीट लम्बा, 22 फीट ऊँचा एवं 15 फ़ीट चौड़ा राम मंदिर की विशाल झाँकी बनाई गई थी, जिसमें अयोध्या से आयी 14 इंच की रामलला की प्रतिकृति प्रतिमा संग सरयू जल और जन्म भूमि की माटी भी विराजित की गई थी। रामलला के विग्रह के दर्शन के लिए भक्तों का रेला उमड़ता रहा। वहीं 60 फ़ीट लम्बे रथ पर श्रीराम दरबार की झाँकी विद्यमान रही, जिस पर संकट मोचन मंदिर की कीर्तन मण्डली द्वारा रामनाम संकीर्तन चलता रहा। उनके आगे आगे 251 डमरू वादकों का दल डमरू वादन करते हुए चल रहा था।
नभ में लहरायें 11,000 ध्वजाओं ने हनुमान जी के आज भी मौजूदगी का कराया एहसास
हनुमान ध्वजायात्रा में पूर्वांचल भर से 40,000 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने विश्व कल्याणार्थ संकट मोचन हनुमान जी के चरणों मे 11,000 ध्वजाएँ अर्पित की। 25 फ़ीट की विशाल मुख्य ध्वजा समिति के अध्यक्ष रामबली मौर्य द्वारा अर्पित की गयी, जिसके बाद श्रद्धालु हनुमान जी के चरणों में ध्वजा अर्पित कर खुद को धन्य करते रहे।इसके बाद श्रद्धालुओं ने सामूहिक महा चालीसा पाठ कर प्रभु के समक्ष अपनी अर्जी लगाई।
मांस मदिरा मुक्त काशी के सर्मथन में हनुमान भक्तों ने ली प्रतिज्ञा
अयोध्या और मथुरा की तरह काशी अंर्तगृही क्षेत्र को भी मांस मदिरा मुक्त कराने के लिए चलाये जा रहे अभियान पवित्र काशी के मांग के समर्थन में हनुमान ध्वजायात्रा में विशेष झांकी सम्मिलित हुई। झांकी में शिव की नगरी काशी को मांस मदिरा मुक्त करने का आवाहृन किया गया। इस मौके पर भक्तों के समूह को मांस मदिरा मुक्त काशी के समर्थन में शपथ भी दिलाई गयी।
विभिन्न जगहों से आई दर्जनों झाँकिया
हनुमान ध्वजायात्रा में वाराणसी, मिर्जापुर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, उनमें से कई श्रद्धालुओं का जत्था अपने साथ झाँकी भी सजा कर लाये थे। समिति के 8 कार्यालयों से जिसमे रामसिंहपुर (मिर्जामुराद) से त्रिभुवन मौर्य, कोनिया से ओमप्रकाश वर्मा, जानकीनगर से अशोक गुप्ता, शिवरतनपुर से बबलू सिंह, बजरडीहा से रामदयाल प्रजापति, खोजवां से चन्द्रभूषण वर्मा, डाफी से तारकेश्वरनाथ कुशवाहा, अदलपुरा से संकटमोचन मौर्य के नेतृत्व में भक्तों का जत्था अपनी अपनी झाँकियों के साथ भिखारीपुर पहुँच गया। झाँकियों में राम दरबार के साथ साथ हनुमान जी, शिव पार्वती आदि देव विग्रहों की सजीव झाँकी शामिल रही।
40 स्थानों पर हुआ ध्वजायात्रा का स्वागत
हनुमान ध्वजायात्रा भिखारीपुर से जैसे ही आगे बढ़ी, रास्ते में जगह जगह भक्तों ने यात्रा का फूल बरसा कर स्वागत किया। नेवादा, सुंदरपुर, नारियां, लंका, रविदास गेट, संकटमोचन तिराहे पर विभिन्न संस्थाओं, समितियों एवं व्यापारियों द्वारा स्वागत किया गया। यहाँ पीने के लिए पेयजल, शर्बत, फलाहार आदि की व्यवस्था भी की गई थी।
भक्तों में बंटा 1001 किग्रा लड्डू का प्रसाद
हनुमत सेवा समिति की तरफ से भक्तों के लिए 1001 किलोग्राम लड्डू का भोग प्रसाद बनवाया गया, जिसे भक्तों में वितरित किया गया।
विशिष्ट जनों की उपस्थिति
अजय मौर्य, डा. सन्तोष ओझा, डॉ गिरीश तिवारी, डॉ रितु गर्ग, डा. ए. के. कौशिक, आर के चौधरी,यू एस अग्रवाल, अनिल गुप्ता, ललित गुप्ता, राजीव अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, दिनेश गर्ग, डॉ संजय गर्ग, बलवीर सिंह बग्गा, आशा अग्रवाल, अनुज डिडवानिया और आर सी जैन इत्यादि।
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