Home 2024 Ravi pradosh vrat : प्रदोष व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो..

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Ravi pradosh vrat : प्रदोष व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो..

– ज्योतिर्विद् विमल जैन

भारतीय संस्कृति के सनातन धर्म में भगवान् आशुतोष की महिमा अपरम्पार है। प्रदोष व्रत के उपास्य देवता भगवान शिवजी ही हैं। भगवान शिवजी की विशेष अनुकम्पा प्राप्ति के लिए शिवपुराण में विविध व्रतों का उल्लेख है, जिसमें प्रदोष व्रत अत्यन्त प्रभावशाली तथा शीघ्र फलदायी माना गया है। प्रदोष व्रत से जीवन में सुख-समृद्धि खुशहाली मिलती है, साथ ही जीवन के समस्त दोषों का शमन भी होता है। प्रत्येक माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि जो प्रदोष बेला में मिलती हो, उसी दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रदोषकाल का समय सूर्यास्त से 48 मिनट या 72 मिनट तक माना गया है, इसी अवधि में भगवान् शिवजी की पूजा प्रारम्भ करने की परम्परा है।

इस बार 5 मई, रविवार को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। वैशाख कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 मई, रविवार को सायं 5 बजकर 43 मिनट पर लगेगी जो कि 6 मई, सोमवार को दिन में 2 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र 4 मई, शनिवार को रात्रि 10 बजकर 08 मिनट से 5 मई, रविवार को सायं 7 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। प्रदोष बेला में त्रयोदशी तिथि का मान 5 मई, रविवार को होने के फलस्वरूप प्रदोष व्रत इसी दिन रखा जाएगा।

प्रदोष व्रत का विधान

व्रतकर्ता को प्रातः काल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर समस्त
दैनिक कृत्यों से निवृत्त हो स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। तत्पश्चात् अपने आराध्य देवी-देवता की पूजा-अर्चना करके अपने दाहिने हाथ में जल, पुष्प, फल, गन्ध व कुश लेकर प्रदोष व्रत का संकल्प लेना चाहिए। सम्पूर्ण दिन निराहार रहते हुए सायंकाल पुनः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करके पूर्वाभिमुख या उत्तराभिमुख होकर प्रदोषकाल में भगवान शिवजी की विधि-विधान पूर्वक पंचोपचार, दशोपचार अथवा षोडशोपचार पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

भगवान शिवजी को क्या करें अर्पित

भगवान शिवजी का अभिषेक करके उन्हें वस्त्र,यज्ञोपवीत, आभूषण, सुगन्धित द्रव्य के साथ बेलपत्र, कनेर, धतूरा, मदार, ऋतुपुष्प, नैवेद्य आदि जो भी सुलभ हो, अर्पित करके श्रृंगार करना चाहिए। धूप-दीप
प्रज्वलित करके आरती करनी चाहिए। परम्परा के अनुसार कहीं-कहीं पर जगतजननी माता पार्वतीजी की भी पूजा-अर्चना करने का विधान है। शिवभक्त अपने मस्तक पर भस्म व तिलक लगाकर शिवजी की पूजा करें तो पूजा शीघ्र फलित होती है।

भगवान शिव जी की महिमा में उनकी प्रसन्नता के लिए प्रदोष स्तोत्र का पाठ एवं स्कन्दपुराण में वर्णित प्रदोषव्रत कथा का पठन या श्रवण अवश्य करना चाहिए साथ ही व्रत से सम्बन्धित कथाएँ भी सुननी चाहिए। प्रदोष व्रत महिलाएँ एवं पुरुष दोनों के लिए समानरूप से फलदायी बतलाया गया है।

कामना के अनुसार किस दिन का रखें प्रदोष व्रत

प्रत्येक दिन के प्रदोष व्रत का अलग-अलग महत्त्व है। वारों (दिनों) के अनुसार सात प्रदोष व्रत बतलाए गए हैं, जैसे- रवि प्रदोष आयु, आरोग्य, सुख-समृद्धि, सोम प्रदोष – शान्ति एवं रक्षा तथा आरोग्य व सौभाग्य में वृद्धि, भौम प्रदोष कर्ज से मुक्ति, बुध प्रदोष- मनोकामना की पूर्ति,गुरु प्रदोष – विजय व लक्ष्य की प्राप्ति, शुक्र प्रदोष – आरोग्य, सौभाग्य एवं मनोकामना की पूर्ति, शनि प्रदोष पुत्र सुख की प्राप्ति । अभीष्ट की पूर्ति के लिए 11 प्रदोष व्रत या वर्ष के समस्त त्रयोदशी तिथियों का व्रत अथवा मनोकामना पूर्ण होने तक प्रदोष व्रत रखने की मान्यता है।

व्रतकर्ता के लिए विशेष

व्रतकर्ता को दिन में शयन नहीं करना चाहिए। अपनी दिनचर्या को नियमित संयमित रखनी चाहिए, ब्रह्मचर्य के नियम का पालन करना चाहिए। अपनी सामर्थ्य के अनुसार ब्राह्मणों को उपयोगी वस्तुओं का दान करना चाहिए, साथ ही गरीबों व असहायों की सेवा व सहायता करनी चाहिए।

ऐसे करें व्रत व पूजा

– प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।

– इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।

– पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।

– भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।*

– भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।

ये उपाय भी करें

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।


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Author: Admin Editor MBC

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