56 विनायक : काशी खंड
56 विनायक
काशी खंड की कथा के अनुसार एकादश विनायकों की यात्र उनके लिए नियत है जो शारीरिक अक्षमता से छप्पन विनायक दर्शन यात्र में असमर्थ हैं। आस्था के केंद्र एकादश विनायक में श्रद्धा के साथ साधना करते हैं श्रद्धालु। इनमें महाराज विनायक (बड़ा गणोश), ढुंढिराज विनायक, हरिश्चंद्र विनायक, कपर्दि विनायक, ¨बदु विनायक, सेना विनायक, सीमा विनायक, चिंतामणि विनायक, कुडिताक्ष विनायक, भगीरथ विनायक और मित्र विनायक हैं।
आशा विनायक : मीरघाट, हनुमान मंदिर के पास, विश्वनाथ गली से आवागमन सुगम।
अविमुक्त विनायक : मूल मंदिर गायब है, परेशानियों से मुक्ति देने की मान्यता साथ वर्तमान में ज्ञानवापी के पास मंदिर।
भीमचंडी विनायक : पंचकोशी मार्ग पर स्थित मंदिर। दिनभर दर्शन करने को आते हैं श्रद्धालु।
चक्रदंत विनायक : नई सड़क स्थित चक्रदंत विनायक मंदिर में भी दर्शन व पूजन दिनभर होता है।
दंतहस्त विनायक : बड़ा गणोश मंदिर लोहटिया में स्थित है मंदिर।
देहली विनायक : यह शहर से करीब 20 किमी दूर ग्रामीण इलाके में स्थित है। यहां भी दर्शन पूजन का महत्व है।
द्वार विनायक : मणिकर्णिका घाट के पास है मंदिर।
द्विमुख विनायक : सूरज कुंड के पास हैं।
एकदंत विनायक : बंगाली टोला में है मंदिर।
गजकर्ण विनायक : कोतवाल पुरा, ईशानेश्वर में है मंदिर।
गज विनायक : राजा दरवाजा, भूतेश्वर मंदिर के पास में।
गणनाथ विनायक : ढुढिराज गली में।
ज्ञान विनायक : खोवा गली चौराहा के पास में।
ज्येष्ठ विनायक : सप्तसागर मोहल्ले में स्थित मंदिर।
काल विनायक : रामघाट पर स्थित है मंदिर।
कलिप्रिय विनायक : साक्षी विनायक के पीछे।
पाशपाणि विनायक : सदर बाजार क्षेत्र में है मंदिर।
कूटदंत विनायक : क्रीं कुंड, रवींद्रपुरी।
शांलकंड विनायक : मंडुआडीह में।
कुंडांड विनायक : फुलवरिया में।
मुंड विनायक :सदर बाजार में मंदिर।
विकटद्विज विनायक : धूपचंडी क्षेत्र में।
राजपुत्र विनायक : राजघाट किले के पास मंदिर।
वक्रतुंड विनायक : लोहटिया में है मंदिर।
पंचस्य विनायक : पिशाचमोचन के पास है मंदिर।
हेरंब विनायक : मलदहिया क्षेत्र में।
विघ्नहरण विनायक : चित्रकूट इलाके में है मंदिर।
वरद विनायक : प्रहलाद घाट पर स्थित।
मोदकप्रिय विनायक : त्रिलोचन मंदिर के पास।
सिंह कुंड विनायक : खालिसपुरा में।
कुणिताक्ष विनायक : लक्ष्मी कुंड के पास।
प्रसाद विनायक : पितरकुंडा पर है मंदिर।
पिचडिला विनायक : प्रहलाद घाट पर
उद्दंड विनायक : त्रिलोचन बाजार में
स्थूलदंड विनायक : मान मंदिर के पास
मंगल विनायक : बालाघाट में स्थित है मंदिर।
मित्र विनायक : सिंधिया घाट पर है मंदिर।
मोदक विनायक : काशी करवट मंदिर के पास में।
पिचंडिला विनायक शालकंड विनायक टों-मंदिरों की नगरी काशी में श्रीगणोश के मंदिरों की वृहद श्रृंखला भी है। जहां वर्ष भर दर्शन-पूजन के साथ परिक्रमा का अपना महत्व है। काशी के विभिन्न क्षेत्रों में 56 विनायक मंदिर कब से हैं इसके बारे में काशी खंड में वर्णन मिलता है। इस समय देश में मची गणोशोत्सव की धूम के बीच आइए जानते हैं इनके बारे में..।
लोहटिया बड़ा गणोश की मंदिर सोनारपुरा स्थित चिंतामणि गणोश मणिकर्णिका घाट पर सिद्धि विनायक ख्यात हैं बड़ा गणोश काशी में वैसे तो सबसे ख्यात लोहटिया स्थित ‘बड़ा गणोश’ हैं, इसके अलावा 56 विनायक मंदिरों की श्रृंखला में भी दिवस विशेष पर दर्शन-पूजन का खास महत्व है। हर समय खुले रहने वाले इन मंदिरों में गलियों व घाटों से होकर जाना पड़ता है।
चिंतामणि विनायक
ईश्वरगंगी तालाब के पास स्थित यह मंदिर भी श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है।
अभय विनायक दशाश्वमेध घाट के पास स्थित अभय विनायक अभय से मुक्ति देने वाले।
सिद्धि विनायक मुंबई की तरह काशी में भी हैं सिद्धि विनायक।
मणिकर्णिका कुंड के पास है मंदिर।
आर्क विनायक लोलार्क कुंड के पास स्थित, रविवार को दर्शन और पूजन का विशेष महत्व।
मानसरोवर स्थित सिद्ध विनायक विनायक के नाम पर मोहल्ले भी यही नहीं जिस क्षेत्र में विनायक मंदिर स्थित हैं कमोवेश उस क्षेत्र का नाम भी उन्हीं के नाम पर है, जैसे दुर्ग विनायक के नाम पर दुर्गाकुंड। इसी तरह ढुंढिराज के नाम पर यहां है ढुंढिराज गली भी। लंबोदर विनायक दुर्गाकुंड स्थित दुर्ग विनायक चौक के पास चित्रघंट विनायक दुर्ग विनायक दुर्गाकुंड मंदिर के पीछे स्थित मंदिर में समयबद्ध रूप से दर्शन-पूजन का नियम है। दुमरुख विनायक चौक में काशी करवट मंदिर के पास स्थित इस मंदिर में जुटते हैं बड़ी संख्या में श्रद्धालु। प्रणव विनायक त्रिलोचन घाट पर मंदिर। लंबोदर विनायक केदारघाट के पास। चित्रघंट विना
Leave a Reply