Home 2022 पांचवा दिन : संसार के सभी दुखों के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक महादेव उनके काशी की महिमा व सीमा है अनंत

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पांचवा दिन : संसार के सभी दुखों के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक महादेव उनके काशी की महिमा व सीमा है अनंत 

संसार के सभी दुखों के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक महादेव उनके काशी की महिमा व सीमा है अनंत

कोरोना से जैसी घातक बीमारी ने संसार को चेता दिया है कि मृत्यु लोक में भगवान के सिवाय कोई किसी का नहीं है। जब इंसान कोरोना से ग्रसित होने पर अस्पताल में पड़ा था। जीवन की अंतिम सांस ले रहा था। उस वक्त उसके अपने पति पत्नी, भाई-बहन, चाचा-चाची, भैया-भाभी, घर पर पड़े थे। उस वक्त प्रभु को हमेशा स्मरण करने वाले भक्तों के पास विश्वनाथ थे। ऐसे भक्त वापस घर लौट आए अन्य लोगों के प्राण छूट गए उन्हें परिजनों का कंधा भी नसीब नहीं हुआ। इसलिए संसार के सभी प्राणियों को भगवान पर भरोसा कर उन्हें भजते रहना चाहिए।  दुख में व जीवन के अंतिम समय में वही काम आएंगे।

उपरोक्त उद्गार मध्य प्रदेश सीहोर के प्रख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के हैं वह आज मलहिया (रमना) में सप्ताह व्यापी ज्ञान व्यापी शिव महापुराण कथा के पांचवे दिन संबोधित कर रहे थे।

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बाबा विश्वनाथ संसार के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक
आपने बताया कि  देवाधिदेव महादेव संसार के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक हैं। सभी तरह के दुखों का निवारण इन्हीं की कृपा से संभव है। संसार के सभी देशों उनके राज्य देवी-देवताओं, अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों व अन्य क्षेत्रों की अपनी-अपनी सीमाएं हैं। किंतु महादेव को उनकी नगरी काशी की सीमा-महिमा अनंत है। यहां माता अन्नपूर्णा व काल भैरव संघ बाबा हर वक्त काशी में भ्रमण करते रहते हैं। जिनको उन पर भरोसा है जो उन्हें भेजते हैं। उन्हें किसी अस्त्र-शस्त्र की जरूरत नहीं है, महादेव के स्मरण के समय उनके समीप होने पर यमराज भी उन्हें छू नहीं सकते। यह वही काशी है जहां मां अन्नपूर्णा की कृपा से कोई भूखा नहीं सो सकता। मणिकर्णिका घाट भी संसार में  अचम्मा है।
मनुष्य ही ऐसा जो कुछ भी भक्षण कर सकता है पशु-पक्षी भी नहीं
पूज्य पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आज के अधिकांश इंसान से अच्छे तो मूंक पंशु और पंछी है। वह भूखों मर सकते हैं पर वह किसी भी चीज का भक्षण नहीं करते-शेर खुद अपना शिकार कर आहार ग्रहण करता है। पपीहा स्वाति नक्षत्र का जल ही ग्रहण करता है  हंस मोती चुनता है इसके सिवाय कोई पदार्थ नहीं खाता। संसार के सभी जीव जंतु नियम से चलते हैं। केवल इंसान ही ऐसा है जो मांस-मंदिरा, जानवर सहित कब क्या खाएगा कहा नहीं जा सकता। भगवान और मुक पशु-पक्षी पर तो भरोसा कर सकते हैं, इंसान पर नहीं अच्छे इंसान हैं जिसने मृत्यु लोक संचालक प्रभु कृपा से हो रहा है। ऐसे लोगों के सत्संग में रहने से ही जीवन का कल्याण होगा।
पूज्य पं0 प्रदीप मिश्रा ने सामूहिक प्रार्थना जप की महत्ता पर प्रकाश डाला। ‘‘ श्री शिवाय नमस्तुम्यम्’’ का कई बार जाप का कल्याण होगा। बीच-बीच में उनके भजन शुरू होते ही पण्डाल में उपस्थित हजारों श्रद्धालु थिरकने, नृत्य करने लग रहे थे।
कथा के प्रारम्भ में व्यासपीठ पर पूज्य गुरूदेव का पूजन कथा के मुख्य यजमान कौशल कुमार सिंह, गीता सिंह, निधि सिंह, श्संजय केशरी, प्रदीप मानसिंहका ने किया।
अन्त में आरती में  केदारनाथ सिंह, पं0 सुधीर मिश्रा,  संजय माहेश्वरी, श्संदीप केशरी,  नीरज केशरी, सचिन पटेल आदि प्रमुख लोग शामिल थे। कथा का संचालन श्री आशीष वर्मा कर रहे थे।

Author: adminMBC

2 Comments

  1. 👌🏻👌🏻💐

  2. 💐💐 श्री शिवाय नमस्तुम्यम् 💐💐

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