Home 2022 प्रेरक प्रसंग : पूजा का महत्व

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

प्रेरक प्रसंग : पूजा का महत्व

प्रेरक प्रसंग : पूजा का महत्व

एक दिन सुबह सुबह दरवाजे की घंटी बजी……
जब नौजवान मकान मालिक ने दरवाजा खोला तो देखा एक आकर्षक कद- काठी का व्यक्ति चेहरे पे प्यारी सी मुस्कान लिए खड़ा था।
नौजवान ने कहा… जी कहिए..???
तो आगंतुक ने कहा : अच्छा जी, आप तो रोज हमारी ही गुहार लगाते थे।
इस पर नौजवान ने कहा : माफ कीजिये, भाई साहब !
मैंने पहचाना नहीं आपको…
तो आगंतुक कहने लगे : भाई साहब, मैं वह हूँ, जिसने तुम्हें साहब बनाया है… अरे ईश्वर हूँ.., ईश्वर.. । तुम हमेशा कहते थे न कि नज़र मे बसे हो पर नज़र नही आते.. इसीलिए… लो आज मैं आ गया। अब, आज पूरे दिन तुम्हारे साथ ही रहूँगा।”
इस पर नौजवान चिढ़ते हुए कहा : ये क्या मजाक है ?
अरे… ये मजाक नहीं है बल्कि सच है, मैं सिर्फ तुम्हे ही नजर आऊंगा। तुम्हारे सिवा कोई देख- सुन नही पायेगा, मुझे।
नौजवान कुछ कहता… इसके पहले पीछे से माँ आ गयी..
“अकेला खड़ा- खड़ा क्या कर रहा है यहाँ ?
चाय तैयार है , चल आजा अंदर..”
अब नौजवान को उनकी बातों पे थोड़ा बहुत यकीन होने लगा था और मन में थोड़ा सा डर भी था..
नौजवान जाकर सोफे पर बैठा ही था तो बगल में वह आकर बैठ गया।
चाय आते ही जैसे ही पहला घूँट पिया नौजवान गुस्से से चिल्लाया…
अरे मां..ये हर रोज इतनी चीनी ?
इतना कहते ही ध्यान आया कि यदि ये सचमुच ईश्वर है तो इन्हें कतई पसंद नही आयेगा कि कोई अपनी माँ पर गुस्सा करे।
इसीलिए, उसने तुरंत अपने मन को शांत किया और समझा भी दिया कि… ‘भई, तुम नज़र में हो आज… ज़रा ध्यान से।’
बस फिर नौजवान जहाँ- जहाँ… आगंतुक उसके पीछे- पीछे पूरे घर में…
थोड़ी देर बाद नहाने के लिये जैसे ही नौजवान बाथरूम की तरफ चला, तो उन्होंने भी कदम बढ़ा दिए..
नौजवान ने कहा : “प्रभु, यहाँ तो बख्श दो…”
खैर, नहा कर, तैयार होकर जब वो पूजा घर में गया तो यकीनन पहली बार तन्मयता से प्रभु वंदन किया।
क्योंकि, आज अपनी ईमानदारी जो साबित करनी थी..
फिर आफिस के लिए निकला और अपनी कार में बैठा, तो देखा बगल में महाशय पहले से ही बैठे हुए हैं।
सफर शुरू हुआ तभी एक फ़ोन आया।
और, नौजवान फोन उठाने ही वाला था कि ध्यान आया…. ‘तुम नजर मे हो।’
इसीलिए, कार को साइड मे रोका तथा फोन पर बात की।
और, बात करते- करते कहने ही वाला था कि…
‘इस काम के ऊपर के पैसे लगेंगे’ …
पर ये तो गलत और पाप था तो प्रभु के सामने कैसे कहता इसीलिए एकाएक ही मुँह से निकल गया…
“आप आ जाइये. आपका काम हो जाएगा, आज।”
फिर, उस दिन आफिस मे ना स्टाफ पर गुस्सा किया, ना किसी कर्मचारी से बहस की। 25 – 50 गालियाँ तो रोज अनावश्यक निकल ही जाती थी मुँह से।
पर, उस दिन सारी गालियाँ….
‘कोई बात नही, इट्स ओके…’मे तब्दील हो गयीं।
जिंदगी में वह पहला दिन था जब क्रोध, घमंड, किसी की बुराई, लालच, अपशब्द , बेईमानी, झूठ ये सब नौजवान की दिनचर्या का हिस्सा नही बने।
शाम को आफिस से निकला और कार में बैठा तो बगल में बैठे ईश्वर को बोल ही दिया…
“प्रभु , सीट बेल्ट लगा लें, कुछ नियम तो आप भी निभायें…
उनके चेहरे पर संतोष भरी मुस्कान थी…”
घर पर रात्रि भोजन जब परोसा गया तब शायद पहली बार नौजवान के मुख से निकला :
“प्रभु, पहले आप लीजिये।”
और, उन्होंने भी मुस्कुराते हुए निवाला मुँह मे रखा.
भोजन के बाद माँ बोली :
“पहली बार खाने में कोई कमी नही निकाली आज तूने ?
क्या बात है ?
सूरज पश्चिम से निकला है क्या, आज ?”
नौजवान ने कहा : “नहीं माँ…
आज सूर्योदय मन में हुआ है…
रोज मैं महज खाना खाता था, आज प्रसाद ग्रहण किया है माँ और प्रसाद मे कोई कमी नही होती।”
थोड़ी देर टहलने के बाद अपने कमरे मे गया और शांत मन और शांत दिमाग के साथ तकिये पर अपना सिर रखा तो ईश्वर ने प्यार से सिर पर हाथ फिराया और कहा :
“आज तुम्हे नींद के लिए किसी संगीत, किसी दवा और किसी किताब के सहारे की ज़रुरत नहीं है।”
और, वो गहरी नींद गालों पे थपकी से टूटी …
“कब तक सोयेगा .. ?
जाग जा अब।”
माँ की आवाज़ थी… सपना था शायद…
हाँ, सपना ही था पर नीँद से जगा गया…
अब समझ में आ गया उसका इशारा…
“तुम नजर में हो…।”

– साभार सोशल मीडिया

Author: adminMBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!