धनतेरस : इस साल अपनी बिगड़ी को बनाने के लिए जरूर करें ये तीन काम
धनतेरस : इस साल अपनी बिगड़ी को बनाने के लिए जरूर करें ये तीन काम
धनतेरस : 23 अक्टूबर, रविवार को
सुख-समृद्धि, वैभव का पर्व : धनतेरस
धनतेरस पर श्रीलक्ष्मी पूजन से आएगी खुशहाली
भगवान धन्वन्तरि जी की अर्चना से मिलेगा आरोग्य सुख
– टीम मोक्ष भूमि
इस बार 23 अक्टूबर, रविवार, काॢतक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस का पर्व उमंग-उल्लास-आनन्द के साथ मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर, शनिवार की सायं 6 बजकर 03 मिनट पर लगेगी, जो कि अगले दिन 23 अक्टूबर, रविवार को सायं 6 बजकर 04 मिनट तक रहेगी।
बर्तन खरीददारी
अमृत कलश की अवधारणा को लेकर नये बर्तन खरीदना शुभ फलदायी माना गया है। बर्तन के अतिरिक्त नवीन व , रजत व स्वर्ण के आभूषण व सोने-चाँदी के सिक्के एवं अन्य मांगलिक वस्तुएँ खरीदना शुभ फलदायी माना गया है। आज के दिन बर्तन खरीदने से अधिक लाभ एवं लक्ष्मी का स्थायी निवास मिलता है। धनतेरस के दिन लोहे की वस्तु खरीदने से बचना चाहिए।
श्रीकुबेर देवता की भी पूजा
धन-सम्पत्ति के लिए धनाधिपति श्रीकुबेर देवता की भी पूजा करनी चाहिए। देवकक्ष में पूजा स्थल पर दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। पूजा का सर्वोत्तम समय प्रदोषकाल एवं वृषभ लग्न का संयुक्त समय सायं 6 बजकर 40 मिनट से रात्रि 8 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। मान्यता है कि धनतेरस के दिन शुरू किए हुए शुभकार्यों में अच्छी सफलता व स्थायी लाभ की स्थिति बनती है। आज के दिन घर एवं कार्यस्थल को आलोकित (प्रकाशमय) रखना चाहिए। धनतेरस का पर्व अपने पारम्परिक पारिवारक व धाॢमक परम्परा के साथ मनाना शुभ फलदायी रहता है।
यम के निमित्त जलता है दीपक
धनतेरस से दीपावली या भैयादूज तक सायंकाल प्रदोषकाल में घर के प्रवेश द्वार के बाहर दोनों ओर यम के निमित्त एक पात्र में अन्न रखकर उसके ऊपर दीप दान करने से यमराज भी प्रसन्न होते हैं, इसको यमदीप कहा जाता है। दीपक की चावल, फूल, धूप, सुगन्ध आदि से पूजा-अर्चना करने से जीवन में अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
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