Home 2022 धनतेरस : जानिए आरोग्य सुख के देवता धन्वन्तरि जी के जन्म की कथा ,पूजन शुभ मुहूर्त और जन्म तारीख क

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धनतेरस : जानिए आरोग्य सुख के देवता धन्वन्तरि जी के जन्म की कथा ,पूजन शुभ मुहूर्त और जन्म तारीख के अनुसार खरीददारी

— ज्योतिॢवद् विमल जैन

दीपावली के पूर्व धनतेरस का पावन पर्व काफी हर्ष व उल्लास के साथ मनाने की पौराणिक मान्यता है। सामान्यत: धनतेरस से ही दीपावली पर्व का शुभारम्भ हो जाता है। कार्तिक अमावस्या के दो दिन पूर्व धनतेरस का आगमन होता है। धनतेरस के दिन ही देवताओं और राक्षसों में समुद्र मन्थन हुआ था। उसी के फलस्वरूप धन्वन्तरि जी अमृत का कलश लेकर अवतरित हुए थे। भगवान धन्वन्तरि जी को आयुर्वेद के प्रवर्तक तथा श्रीविष्णु भगवान के अवतार के रूप में धाॢमक मान्यता प्राप्त है। धनतेरस के दिन आरोग्य के देवता आयुर्वेद शास्त्र के जनक श्री धन्वन्तरि जी का जन्म महोत्सव भी धूम-धाम से मनाया जाता है। आज के दिन इनकी पूजा-अर्चना से आरोग्य-सुख तथा उत्तम स्वास्थ्य बना रहता है।

23 अक्टूबर, रविवार, कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस का पर्व उमंग-उल्लास-आनन्द के साथ मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर, शनिवार की सायं 6 बजकर 03 मिनट पर लगेगी, जो कि अगले दिन 23 अक्टूबर, रविवार को सायं 6 बजकर 04 मिनट तक रहेगी।

शुभ मुहूर्त
व्यवसायी, व्यापारी एवं गृहस्थवर्ग के लिए उपयोगी वस्तुएँ खरीदना सम्पूर्ण दिन शुभ है। व्यापारीगण बहीखाता व प्रयोग में आनेवाली अन्य वस्तुएँ भी विशेष शुभ समय पर खरीदने की चाहत रखते हैं। उनके लिए अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक सर्वश्रेष्ठï मुहूर्त माना गया है। प्रदोषकाल में भी अपनी सुविधानुसार वस्तुएँ खरीद सकते हैं।

पूजा का सर्वोत्तम समय
प्रदोषकाल एवं शुभ मुहूर्त में श्रीगणेश जी एवं श्रीलक्ष्मीजी तथा धन के देवता श्रीकुबेर जी की भक्तिभाव के साथ पूजा-अर्चना करने का विधान है। आज के दिन खरीदे गए नवीन बर्तन में उत्तम मिष्ठान्न, फल एवं मेवे आदि माँ भगवती लक्ष्मीजी को अॢपत करने चाहिए। देशी घी का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। अखण्ड ज्योति जलाने की भी मान्यता है। भगवती लक्ष्मीजी की पूजा कमल के फूल से करनी चाहिए तथा कमलगट्टा के माला से श्रीलक्ष्मीजी के मन्त्र ‘श्रीं’, ‘ॐ श्रीं नम:’, ‘ॐ श्रीं ह्रïीं क्लीं’ अथवा ‘ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नम:’ का जप अधिकतम संख्या में करना लाभकारी रहता है। जबतक जप चलता रहे तबतक धूप एवं देशी घी का दीपक जलता रहना चाहिए।

ज्योतिष के अनुसार जन्म तिथि के अनुसार रंग-राशियों के मुताबिक करें खरीददारी

जन्म तारीख के अनुसार खरीददारी
जन्मतिथि किसी भी माह की 1, 10, 19 व 28 हो, उनके लिए लाल, गुलाबी, केसरिया। 2, 11, 20 व 29 वालों के लिए सफेद व क्रीम। 3, 12, 21 व 30 के लिए सभी प्रकार के पीला व सुनहरा पीला। 4, 13, 22 व 31 के लिए सभी प्रकार के चमकीले, चटकीले मिले-जुले व साथ ही हल्का स्लेटी रंग। 5, 14 व 23 के लिए हरा, धानी व फिरोजी रंग। 6, 15 व 24 के लिए सफेद व चमकीला सफेद अथवा आसमानी नीला। 7, 16 व 25 के लिए चमकीला, स्लेटी व ग्रे रंग। 8, 17 व 26 के लिए काला, ग्रे व नीला रंग। जबकि 9, 18 व 27 के लिए लाल, गुलाबी व नारंगी रंग।

राशि के अनुसार करें रंगों का चयन
मेष-लाल, गुलाबी एवं नारंगी। वृषभ-सफेद एवं क्रीम। मिथुन-हरा व फिरोजी। कर्क-सफेद व क्रीम। ङ्क्षसह-केसरिया, लाल व गुलाबी। कन्या-हरा व फिरोजी। तुला-सफेद व हल्का नीला। वृश्चिक-नारंगी, लाल व गुलाबी। धनु-पीला व सुनहरा। मकर व कुम्भ-भूरा, स्लेटी व ग्रे। मीन-पीला व सुनहरा।

Author: Admin Editor MBC

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