Home 2022 गोपाष्टमी पर्व :आइए जानते हैं गोपाष्टमी पर्व का महत्व, कथा, पूजा विधि तथा इस दिन करने वाले महा उप

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

गोपाष्टमी पर्व :आइए जानते हैं गोपाष्टमी पर्व का महत्व, कथा, पूजा विधि तथा इस दिन करने वाले महा उपाय, जिससे जीवन भर रहेगी घर में धन, वैभव,और संपदा



कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। जैसे कि नाम से ही अवगत हो रहा है कि इस पर्व का संबंध गाय माता से है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से लेकर सप्तमी तिथि तक भगवान श्री कृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाया था। आठवें दिन इंद्र अपने हठ त्याग कर श्री कृष्ण से क्षमा मांगने आए थे तभी से वह दिन गोपाष्टमी तिथि के रूप में मनाया जाता है। हमारी संस्कृति में गाय को मां का दर्जा दिया गया है। इसके पीछे कई मान्यताएं हैं और श्रीमद्भागवत पुराण में भी इसका उल्लेख किया गया है।

ये हैं कथा
प्राचीन काल में देवता और असुरों ने समुद्र मंथन किया था तो उसमें से कामधेनु गाय निकली थी। कामधेनु गाय में सभी देवी देवताओं का वास होता है। कामधेनु गाय से ही अन्य गायों की भी उत्पत्ति हुई है।इसलिए लक्ष्मी के रूप में भी गौ माता की पूजा की जाती है। लेकिन गोपाष्टमी के दिन इनकी पूजा आराधना करने का विशेष फल मिलता है। गौमाता को दिव्य गुरु का स्वामी भी कहा जाता है ।और खासकर गोपाष्टमी के दिन गाय की पूजा करने से सुख सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है। इसके पीछे की एक मान्यता और भी है। जब भगवान श्री कृष्ण ने छठे साल में प्रवेश किया था तो वे अपनी माता यशोदा से जिद करने लगे कि वे अब बड़े हो गए हैं और बछड़ों को चराने के बजाय अब वह गौ माता को चराने ले जाएंगे।उनकी हठ के आगे यशोदा मां ने हार मान ली और मैया ने उन्हें उनके पिता नंद जी के पास भेजा उनकी आज्ञा लेने के लिए, और भगवान कृष्ण ने नंद बाबा के सामने भी वही हट ठान ली तो ऐसे में नंद बाबा ने पंडित महाराज को बुलवाकर के मुहूर्त निकलवाया। और शांडिल्य ऋषि मुहूर्त निकलवाने वहां पहुंच गए।उसके बाद पंचांग देख कर बड़ा अचरज हुआ शांडिल्य जी को कि उसी दिन से भगवान श्रीकृष्ण गायों को चराने जा सकते हैं। भगवान की इच्छा थी तो उसके आगे क्या मुहूर्त और तभी से उस दिन को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाने लगा। और ऐसी मान्यता भी है कि गौ सेवा की वजह से भगवान इंद्र ने श्री कृष्ण जी का नाम गोविंद रखा था।

गोपाष्टमी की पूजा विधि
गोपाष्टमी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करके सर्वप्रथम गौमाता को स्नान कराकर अथवा उनके ऊपर गंगाजल छिड़क कर उनका पूरा श्रृंगार करके उनका विधि विधान से पूजन किया जाता है। इस दिन गौ माता की परिक्रमा का भी विधान है। गोपाष्टमी के दिन जो भी गोपालक होते हैं उन्हें भी दान देने का विधान है गोपाष्टमी के दिन गाय की पूजा का विशेष महत्व होता है।

गोपाष्टमी के दिन का महा उपाय
गोपाष्टमी के दिन गाय की पूजा के पश्चात उन्हें गुण और हरा चारा का भोजन भी कराना चाहिए। यदि आपके घर में गाय नहीं है तो किसी गौशाला में जाकर भी आप इस पूजा विधि को संपन्न कर सकते हैं। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की भी विधिवत पूजा का विधान है। क्योंकि यशोदा मैया ने इस दिन इनका पूरा श्रृंगार करके गौ चारण के लिए भेजा था। इस दिन गौशाला में दीपदान करने का विशेष महत्व है। गौ माता लक्ष्मी स्वरूपा है उन्हें घर की पहली रोटी भी खिलाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि जिन घरों में गाय को पहले रोटी खिलाई जाती है उन घरों में कभी भी धन धान्य की कमी नहीं होती है। जय गौ माता।

– शालिनी त्रिपाठी

इन्हें भी पढ़िए..

डाला छठ : आखिर क्यों नहीं पहनते सिलाई किए हुए कपड़े

जानिए छठ पूजा पर सूर्य को अर्घ्य क्यों दिया जाता है?

डाला छठ : इसलिए लगाया जाता है नाक से सिंदूर

छठ पूजा – क्या है “कोसी भराई”, क्या महत्त्व और विधि है “कोसी सेवना” का

छठ महापर्व : ठेकुआ के साथ और क्या चढ़ता है प्रसाद

जानिये चार दिवसीय महा पर्व डाला छठ में किस दिन क्या होता है

जानिये सबसे पहले किसने किया था छठ पूजा और क्या है इससे जुड़ीं पांडव की कथा

जानिये कौन हैं छठ व्रत में पूजित छठी मैया

छठ महापर्व : बचाना चाहिए इन गलतियों से छठ पूजा के दौरान

डाला छठ व्रत विधान : जानिये,चार दिवसीय सूर्य उपासना के इस महापर्व से कैसे मिलता हैं आरोग्य, सौभाग्य व सर्वसुख , क्या है व्रत का तरीका और पौराणिक महत्त्व

छठ पर्व की शुरुआत कैसे हुई, कैसे मनाते है यह महापर्व. और आखिर कौन हैं छठी मैया…

डाला छठ व्रत मुहूर्त : जानिए चार दिवसीय महा व्रत का मुहूर्त और किस दिन क्या होता है


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।
अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी पसंद – नापसंद जरूर बताएं।
. और जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी ” के साथ।
. हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है।9889881111




खबरों के लिए क्लिक करें – https://innovest.co.in


यदि आप सनातनी है तो काशी की नष्ट हो रही ऊर्जा को बचाने के लिए अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 9889881111, 8765000123


Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!