Home 2022 पंचांग 20 नवंबर 22 : जानिए अभिजीत मुहूर्त, दिशाशूल और चौघडिया

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

पंचांग 20 नवंबर 22 : जानिए अभिजीत मुहूर्त, दिशाशूल और चौघडिया

आज का पञ्चांग

कलियुगाब्द………………………5124
विक्रम संवत्……………………..2079
शक संवत्………………………..1944
मास……………………………मार्गशीर्ष
पक्ष………………………………..कृष्ण
तिथी…………………………..एकादशी
रात्रि 10.38 पर्यंत पश्चात द्वादशी
रवि…………………………..दक्षिणायन
सूर्योदय……………प्रातः 06.43.09 पर
सूर्यास्त…………..संध्या 05.41.57 पर
सूर्य राशि…………………………वृश्चिक
चन्द्र राशि………………………….कन्या
गुरु राशी……………………………मीन
नक्षत्र……………………………….हस्त
रात्रि 12.26 पर्यंत पश्चात चित्रा
योग………………………………..प्रीती
रात्रि 10.57 पर्यंत पश्चात आयुष्मान
करण……………………………..बालव
प्रातः 10.38 पर्यंत पश्चात कौलव
ऋतु………………………..(सह:) हेमंत
दिन………………………….रविवार

राष्ट्रीय सौर कार्तिक, दिनांक २९
( उर्जमास )

आंग्ल मतानुसार दिनांक
२० नवम्बर सन् २०२२ ईस्वी

तिथि/व्रत विशेष
उत्पन्ना एकादशी (बादाम)

शुभ अंक……3
शुभ रंग……नीला

अभिजीत मुहूर्त
दोप 11.58 से 12.33 तक

राहुकाल
संध्या 04.16 से 05.37 तक

उदय लग्न मुहूर्त
वृश्चिक
06:29:39 08:45:49
धनु
08:45:49 10:51:27
मकर
10:51:27 12:38:35
कुम्भ
12:38:35 14:12:08
मीन
14:12:08 15:43:20
मेष
15:43:20 17:24:04
वृषभ
17:24:04 19:22:42
मिथुन
19:22:42 21:36:24
कर्क
21:36:24 23:52:34
सिंह
23:52:34 26:04:23
कन्या
26:04:23 28:15:02
तुला
28:15:02 30:29:39

दिशाशूल
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।

चौघडिया
प्रात: 08.07 से 09.28 तक चंचल
प्रात: 09.28 से 10.49 तक लाभ
प्रात: 10.49 से 12.11 तक अमृत
दोप. 01.32 से 02.54 तक शुभ
सायं 05.36 से 07.15 तक शुभ
संध्या 07.15 से 08.54 तक अमृत
रात्रि 08.54 से 10.32 तक चंचल ।


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी ” के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111



नवीनतम

उत्पन्ना एकादशी : आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व्रत के नियम तथा महत्व..

वास्तु : अपने घर या प्रतिष्ठान में लगाए कुबेर का पौधा, ये मिलेगा चमत्कारी परिणाम

पढ़िए, भगवान विष्णु को क्यों कहा जाता है नारायण और हरि ? क्या होते है इसके मायने

एक शहर ऐसा जहां दर्शन देते हैं एक साथ अष्ट भैरव … ये है अष्ट भैरव के 8 रूप.

16 नवंबर काल भैरव अष्टमी, काल भैरव की उपासना का महत्व तथा स्वरूप करें यह अचूक उपाय होगा महा लाभ….

बाबा लाट भैरव की अद्भुत कहानी, जब औरंगजेब हुआ बाबा कपाल भैरव के सामने नतमस्तक। आइए जानते हैं कहां पर स्थित है यह प्राचीन मंदिर

भय निवारण भैरव का सौम्य स्वरूप कमच्छा के बटुक भैरव

कौन है काल भैरव ? क्यों कहा जाता है इन्हें काशी का कोतवाल ? क्या है इनके काशी आगमन की कथा ? और कहां पर स्थित है बाबा काल भैरव का भव्य दरबार ?


आज का राशिफल

राशि फल 17 नवंबर 22 : जानिए आपका कैसा रहेगा आज का दिन


दैनिक पंचांग

पंचांग 17 नवंबर 22 : आज का शुभ समय और नक्षत्र को, जानिए कब है दिशाशूल


जन्मदिन राशिफल

जन्मदिन 17 नवंबर 22 : आज जन्मे जातक कठोर और उग्र स्वर के स्वामी…

आज जिनका जन्मदिन है – 15 नवंबर 22 को जन्मे जातको का होगा ऐसा अगला साल


साप्ताहिक राशिफल

साप्ताहिक राशिफल : ये है इस सप्ताह 14 से 20 नवम्बर का ग्रह चक्र, जानिये…

साप्ताहिक राशि फल 07 से 13 नबंवर तक : जानिए वो बातें जिससेl आपको मिलेगा नयी राह

व्रत – त्यौहार

उत्पन्ना एकादशी : आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व्रत के नियम तथा महत्व..

मार्गशीर्ष मास : हिंदी के नौवा महीने के व्रत और त्यौहार का यह हैं डिटेल

काशी में जब राक्षसी बन जाती है एक दिन की देवी , प्रसाद में चढ़ता है बैगन और मूली


– वास्तु – टोटका

वास्तु : अपने घर या प्रतिष्ठान में लगाए कुबेर का पौधा, ये मिलेगा चमत्कारी परिणाम

वास्तु : घोड़ा के नाल से न सिर्फ सुख-समृद्धि आती है बल्कि बचाती है बुरी नजर से भी

यदि आपके दाम्पत्य जीवन में है कुछ खटास तो करें ये उपाय, होगा सुखी वैवाहिक जीवन

परेशानियों से छुटकारा का उपाय है पवित्र पीपल पेड़, जानिए क्या है उपाय


– इन्हें भी जानिए

जानिए पूजा का सही समय …आखिर दोपहर के समय पूजा क्यों नहीं करनी चाहिए?

जानिये नवंबर माह 2022 के तीज-त्यौहार और उसके मुहूर्त

गोपाष्टमी : कब शुरू हुआ गौ पूजन, जानिए गाय के शरीर में है किन किन देवता का हैं निवास


जिन्हें ज्यादा पढ़ा गया

प्राचीन मंदिर : अपने माँ के पापों के प्रायश्चित के लिए गरुण ने स्थापित किया था गरुड़ेश्वर महादेव को

काशी का अदभुत लोटा भंटा मेला : जहाँ श्रद्धांलु भगवान शिव को चखाते है बाटी चोखा का स्वाद

काशी दर्शन : अकाल मृत्यु को टालने के लिए स्वयं धरती का सीना फाड़ कर निकले शिवशंभु

विश्व का एक मात्र मंदिर, जहां कोई प्रतिमा नहीं बल्कि है अखंड राष्ट्र का नक्शा

पापों का हरण करती गंगा से भी प्राचीन नदी “वरुणा”

जानिए कैसे बनी काशी संगीत की नगरी ?

काशी में एक स्थान ऐसा भी जहां स्वयं भगवान शिव के मंत्रोच्चार से होती है मोक्ष की प्राप्ति

जानिए छठ पूजा पर सूर्य को अर्घ्य क्यों दिया जाता है?

जानिये कौन हैं छठ व्रत में पूजित छठी मैया


मानो न मानो

आखिर जेठ के तपती दुपहरियां में बगीचे में वो कौन थी….

वह बूढ़ा…


खबरों के लिए क्लिक करें – https://innovest.co.in


यदि आप सनातनी है तो काशी की नष्ट हो रही ऊर्जा को बचाने के लिए अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 9889881111, 8765000123


डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।

Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!