Home 2023 तैयार रहिये देखने को 2023 में 12 नहीं 13 Full Moon और एक दो नहीं चार ग्रहण, आखिर क्या है वज़ह..

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तैयार रहिये देखने को 2023 में 12 नहीं 13 Full Moon और एक दो नहीं चार ग्रहण, आखिर क्या है वज़ह..

साल 2023 खगोलीय दृष्टिकोण से बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस साल अंतरिक्ष में बहुत सारी अनोखी घटनाएं देखने को मिलेंगी। साल 2023 में 4 ग्रहण लगने वाले हैं, जिसमें से 2 चंद्रग्रहण और 2 सूर्यग्रहण हैं। हालांकि वैज्ञानिक इसे एक खगोलीय घटना मानते हैं और कहते हैं कि ये एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन वैदिक धर्म में ग्रहण से जुड़ी बहुत सारी मान्यता हैं, कुछ लोग इसे अच्छा नहीं मानते हैं और इसलिए ग्रहण को लेकर विशेष सावधानी बरती जाती है।

इन चार ग्रहण के अलावा आपको इस साल 13 फुल मूंस देखने को मिलेंगे, जिसमें चार ‘सुपरमून’ और एक ‘ब्लूमून’ होगा। ब्लूमून का नजारा अगस्त में देखने को मिलेगा, जो कि अपने आप में बहुत ज्यादा खास होगा। आपको बता दें कि औसतन ब्लूमून का नजारा दो से तीन साल के बीच देखने को मिलता है क्योंकि चंद्रमा को अपना चरण पूरा करने में 29.5 दिन लगते हैं लेकिन इस बार आप लोग इस खूबसूरत नजारे के गवाह बनेगें और ब्लूमून के कारण इस साल आपको 13 फूलमून देखने को मिलेगा। आपको बता दें कि चंद्रमा जिस दिन पूरे आकार में होता है उस दिन पूर्णिमा यानि कि फूलमून होता है।


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क्या होता है ‘सुपरमून’?

जब चंद्रमा पृथ्वी के काफी क्लोज होता है तो काफी बड़ा और चमकीला नजर आता है।इस स्थिति को ‘सुपरमून’ कहते हैं। पृथ्वी के करीब वाली स्थिति पेरिगी (3,56,500 किलोमीटर) और दूर वाली पोजिशन अपोगी (4,06,700 किलोमीटर) कहलाती है।

क्या होता है ‘ब्लूमून’?

जब फुलमून यानी कि पूर्णिमा की स्थिति एक महीने में दो बार आती है तो उसे’ ब्लूमून’ कहा जाता है।

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ब्लडमून

ये स्थिति चंद्रग्रहण के दौरान देखने को मिलती है. जब पृथ्वी की छाया की वजह से चंद्रमा काफी डार्क या लाल हो जाता है, तब इसे ब्लड मून कहा जाता है।

सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण

जब चंद्रमा और पृथ्वी के बीच सूर्य आ जाता है तब ‘सूर्य ग्रहण’ होता है और जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तब ‘चंद्र ग्रहण’ लगता है। ‘सूर्य ग्रहण’ अमावस्या के दिन होता है जबकि ‘चंद्र ग्रहण’ पूर्णिमा के दिन होता है।


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  • Author: Admin Editor MBC

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