इन पांच लोगों से डरते हैं शनि देव, जानें कौन हैं ये
शनि देव को कर्म फलदाता कहा जाता है। वह व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से उचित फल प्रदान करते हैं। अच्छे कर्मों के लिए शुभ फल और बुरे कर्मों के लिए दंड। शनि देव व्यक्ति को दंड में शनि साढ़े साती और ढैय्या का भागी बनाते हैं जिसमें व्यक्ति को अपार कष्ट झेलना पड़ता है। यही कारण है कि हर मनुष्य को शनि देव से भय लगता है।
लेकिन शनि देव भी किसी से भयभीत हो सकते हैं क्या? तो चलिए कौन से हैं देवी-देवता और क्या है इनसे डरने का कारण इसके बारे में जानते हैं।
हनुमान जी
हनुमान जी ने बाल अवस्था में एक बार शनि देव का अहंकार तोड़ा था तब से माना जाता है कि शनि देव हनुमान जी बहुत डरते हैं। मान्यता है कि शनि देव कभी भी किसी हनुमान भक्त को नहीं सताते हैं। जो भी व्यक्ति हनुमान जी की पूजा करता है उस पर शनि कृपा बनी रहती है।
पीपल का पेड़
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव को पीपल के पेड़ से भी बहुत डर लगता है। इसी कारण से ऐसा माना जाता है कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि देव अपना प्रकोप कम कर देते हैं।
श्री कृष्ण
यूं तो शनि देव को श्री कृष्ण का परम भक्त माना जाता है और श्री कृष्ण उनके इष्ट देव हैं लेकिन भगवान भक्त की मर्यादा के अनुसार, शनि देव श्री कृष्ण से भी डरते हैं। इसी कारण से उनकी साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव किसी भी सच्चे और सत्कर्म करने वाले कृष्ण भक्त पर नहीं पड़ता है।
पत्नी
धार्मिक कथाओं के अनुसार, शनि देव अपनी पत्नी से भी बहुत डरते हैं। इसी कारण से कहा जाता है कि शनि की वक्र दृष्टि से बचने के लिए उनकी पत्नी का 108 बार नाम लेते हुए मंत्र जाप करना चाहिए।
भगवान शिव
शनि देव के गुरु माने जाते हैं भगवान शिव इसी कारण गुरु शिष्य की मर्यादा से शनि देव भगवान शिव से डरते हैं। जो भी व्यक्ति भगवान शिव की परम भक्ति करता है उस पर शनि देव हमेशा शुभ परिणामों की वर्षा करते हैं।
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