Home 2023 Braj ki holi : जहां खेली जाती है अलबेली 12 तरह होली, जानें इसके मायने

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

Braj ki holi : जहां खेली जाती है अलबेली 12 तरह होली, जानें इसके मायने

बरसाना में होली का मजा कुछ और ही है। हर कोई बरसाने में होली मनाने की इच्छा जाहिर करते है। बरसाने में होली की शुरुआत लड्डूमार होली से होती है। यह होली श्री राधा रानी के जन्म स्थल बरसाना में राधा रानी के श्रीजी मंदिर में खेली जाती है। बरसाना की प्रमुख और बहुप्रचलित होली लट्ठमार होली 28 फरवरी 2023 को खेली गयी । आज के दिन नंदगांव से आए ग्वालों पर बरसाना की ग्वालिनें लट्ठ बरसाकर होली खेली हैं।

दरअसल ब्रज की होली विश्व में प्रसिद्ध है। बृज में होली करीब सवा महीने तक चलती है। जितनी तरह से ब्रज में होली मनाई जाती है, उतने प्रकार से विश्व में कहीं नहीं मनाई जाती। यहां रंगों की होली, गुलाल की होली (गुलाल होली ), लठ्ठमार होली (Latthamar Holi), लड्डू होली, फूलों की होली ( phulon ki holi ) , हुरंगा (Huranga), होलिका दहन (Holika Dahan), कीचड़ की होली (kichad ki holi ), धुलेंडी (Dhulendi) पर दही और हल्दी की होली ( dahi haldi ), मंदिरों में फाग और समाज गायन, फालैन में होली से पंडा (Falain ka mela) का गुजरना सहित दर्जनभर तरीकों से होली मनाई जाती है. ब्रज में खासतौर से वृंदावन (Vrindavan), बरसाना (Barsana), नंदगांव, दाऊजी की होली देखने लोग आते हैं।

लट्ठमार होली

बरसाने की लट्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध है। देश-विदेश से लोग यह होली देखने के लिए बरसाना पहुंचते हैं। हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को लट्ठमार होली खेली जाती है। इसका निमंत्रण एक दिन पहले यानि फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को बरसाना से नंदगांव भेजा जाता है।

रंगभरी एकादशी

वैसे तो वसंत पंचमी से ही लेकिन वृंदावन में रंग भरनी एकादशी से होली का विशेष शुभारंभ हो जाता है। इस दिन वृंदावन की परिक्रमा देने के लिए भक्त आते हैं और पूरी परिक्रमा में रंग और गुलाल उड़ता है। शाम को हाथी की सवारी निकलती है और गुलाल से पूरा वृंदावन नहा उठता है। रंगभरनी एकादशी इस बार 3 मार्च 2023 को है।

छड़ी मार होली

गोकुल में लाठी की जगह छड़ी से होली खेली जाती है। यहां छड़ीमार होली के दिन गोपियों के हाथ में लट्ठ नहीं, बल्कि छड़ी होती है और ये होली खेलने आए कान्हाओं पर छड़ी बरसाती हैं। इस दिन कान्हा की पालकी और पीछे सजी-धजी गोपियां हाथों में छड़ी लेकर चलती हैं। गोकुल में छड़ीमार होली का उत्सव सदियों से चला आ रहा है।

होलिका दहन

पूरे ब्रज में होलिका दहन को विधि-विधान से मनाया जाता है। इस बार 6 मार्च को होलिका दहन होगा। पूरे ब्रज क्षेत्र में हर गांव, कस्बे और शहर के चौराहों पर लकड़ियों,घास, फूस, गाय के गोबर से बने उपलों, गूलरी आदि की होली रखी जाती है। सुबह घरों से महिलाएं नए-नए कपड़े पहनकर होली पूजन करने जाती हैं। उसके बाद शाम को शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाता है।

श्री द्वारकाधीश मंदिर होली

होलिका दहन के अगले दिन धुलेंडी होती है। इस दिन पूरे ब्रज में सभी ब्रजवासी एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं व गले मिलते हैं। सभी मंदिरों में होली होती रहती है। इस बार 7 मार्च को धुलेंडी है। मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर में भी इसी दिन होली का विशेष आयोजन होता है। इस दिन वृंदावन में परंपरा है कि दोपहर 2 बजे तक ही होली होती है, उसके बाद लोग नए-नए कपड़े पहनकर मंदिर जाते हैं और बाहर निकलते हैं और कोई भी उनपर रंग या गुलाल नहीं डालता है।

दाऊजी का हुरंगा

धुलेंडी के अगले दिन बल्दे व दाऊजी मंदिर में हुरंगा मनाया जाता है। हुरंगा के लिए अभी से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। 8 मार्च को इस बार दाऊजी में हुरंगा होगा। इस दिन दाऊजी मंदिर प्रांगण में बल्देाव की महिलाएं लाठियां लेकर और लहंगे-चूनर पहनकर इकठ्ठा होती हैं। वहीं आसपास के हुरियारे होली खेलने आते हैं और फाग गाते हैं। इस तरह कई घंटे तक यह दिचलस्प हुरंगा खेल वहां चलता रहता है। दाऊजी का हुरंगा भी जग प्रसिद्ध है।


नवीनतम जानकारियां ..

जानिए पांडवो के स्वर्ग जाने की कथा, किन वजहों से पांचो पांडव बारी बारी नीचे गिरकर मृत्यु को प्राप्त हुए

घर में गलत जगह की लगी हनुमान जी की चित्र बन सकता है अमंगल का कारण

होलिका दहन 6 मार्च या 7 मार्च को, होली कब….? क्या मत हैं काशी सहित अन्य पंचांग का

बुध का गोचर से बनेगा त्रिग्रही युति, क्या हो सकता हैं आप पऱ इसका प्रभाव ?

होलाष्टक में करें कौन से 7 अचूक उपाय, होगा आपको बेहद लाभ

जानिए, होलाष्टक के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए

होलाष्टक के दौरान करना चाहिए ये 15 कार्य, सबकुछ मिलेगा

आइये जानते हैं क्या होता हैं होलाष्टक, इससे जुड़ी पौराणिक कथा और आखिकर क्या है इसके पीछे का कारण?

जानिए, आज से शुरू सप्ताह आपके भविष्‍य पर क्‍या प्रभाव डालेगा ?

जानें मंदिर जाते समय घंटा बजाना क्यों है जरूरी ?

जानिए क्या है रंग पंचमी कब और क्यों मनाया जाता है यह त्यौहार

सही दिशा में बैठकर करिये भोजन, मिलेंगे अनेक फायदे

हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत पर इन चार राशियों का चमक उठेगा भाग्य



पौराणिक कथाएं

राक्षसी होलिका, कैसे बनी एक पूजनीय देवी, जानें रोचक पौराणिक कथा

कौन थीं शबरी ? जानिए इनके माता पिता और गुरु को

क्या आप जानते हैं सारे ज्योतिर्लिंग जमीन तल से नीचे क्यों स्थित हैं, कितने प्रकार के होते हैं शिव लिंग

महाभारत का युद्ध : आखिर 18 नंबर से क्या था कनेक्शन, क्यों चला था 18 दिन युद्ध ?

पौराणिक कथा : जानिए आखिर कैसे हुई थी श्री राधा रानी की मृत्यु ?

आखिर क्यों अपने ही बेटे के हाथों मारे गए थे अर्जुन

पत्थर रूप में ही क्यों शिंगणापुर में प्रकट हुए शनि पढ़िए पुरी कहानी


धार्मिक हलचल

पंचांग में समन्वय स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय पंचांग समन्वय संगोष्ठी का आयोजन

तीर्थाटन और पर्यटन को अलग करें सरकार : स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती

बाबा विश्वनाथ का मंगला आरती आम भक्त से और दूर, 500 रूपये के टिकट पऱ मिलेंगे दर्शन, सभी आरती के बढ़ें मूल्य



दैनिक पंचांग / राशिफल

आज का पंचांग, 27 फरवरी 2023, सोमवार

दैनिक राशिफल, 27 फरवरी 2023, सोमवार

आज का पंचांग, 26 फरवरी 2023, रविवार

दैनिक राशिफल 26 फरवरी 2023, रविवार


ग्रह चाल और आप

जानिए, आज से शुरू सप्ताह आपके भविष्‍य पर क्‍या प्रभाव डालेगा ?

शुक्रवार आज गुरु कर रहे हैं गोचर, पढ़िए क्या होगा असर आप के राशि पऱ ?



अवश्य पढ़िए..

हॉलीवुड की इन मशहूर हस्तियों ने अपनाया सनातन धर्म

जानिए क्या हैं राम गीता, कृष्ण से नहीं राम से जुड़ी हैं चार गीता

यदि आप रुद्राक्ष धारण करने वाले, भूलकर इन 6 जगहों पऱ न जाय

घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी की फोटो लगाने से पहले जान लें ये नियम

आपके हाथ रेखाएं बताती हैं आपके के शरीर का रोग

इन पांच लोगों से डरते हैं शनि देव, जानें कौन हैं ये

नई दुल्हन को काले कपड़े पहनने की क्यों होती है मनाही, जानें सही वजह

परेशानियों से बचने के लिए 5 वस्तुएं को सदा रखे तुलसी से दूर

क्या है मंगला आरती ? जानिए महत्व और इससे जुड़ी पहलू

साल का पहला सूर्य ग्रहण, राशियों पर क्या होगा प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार माथे पर चंदन का तिलक लगाने के फायदे

किनको और क्यों रखना चाहिए शिखा या चोटी, मिलता हैं ये लाभ…

भगवान विष्णु, राम और कृष्ण की तरह क्यों नहीं लगता महादेव के आगे ‘श्री’

इस साल 7 या 8 मार्च, किस दिन खेली जाएगी होली? जानें होलिका दहन का सही मुहूर्त

जानिए क्या है फाल्गुन मास का धार्मिक महत्व, किनका करें पूजा…

ये हैं आज से शुरू हुए हिंदी कैलेंडर के अंतिम मास फागुन की ख़ास बातें

आज से शुरू हो रहा है फाल्गुन माह, जानें महत्त्व, नियम और पूजा विधि

यदि हैं आज कोर्ट कचहरी के चक्कर से परेशान, राहत के लिए आजमाये ये उपाय

छिड़कें दो चुटकी नमक, मिलेगा जोरदार तरक्की आपको अपने करियर में

शनि देव को शांत करने के पाँच प्रयोग, पढ़िए ब्रह्म पुराण’ में क्या कहते है शनिदेव

कुछ ऐसा रहेगा आपका फरवरी में ग्रह चाल , जानिए अपने राशि का हाल

जानिए, फरवरी में ये हैं शादी के मूहूर्त, कब कर सकते हैं गृहप्रवेश, मुंडन, साथ ही पंचक का मतलब और कब है पंचक ?

ये है फरवरी माह के व्रत, त्योहार और छुट्टी की लिस्ट, जानिए कब है महाशिवरात्रि ?


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111


डिसक्लेमर

इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।

Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!