ये है रंगभरी एकादशी से जुड़ी कथा और जानिए पूजा विधि ….
इस वर्ष रंगभरी एकादशी पर्व 3 मार्च 2023, दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। आइए यहां जानते हैं रंगभरी एकादशी का महत्व, पूजा विधि और कथा के बारे में….
रंगभरी एकादशी की पूजा विधि
– रंगभरी एकादशी के दिन दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नानादि करके पूजा स्थर पर भगवान और माता गौरी की मूर्ति स्थापित करें।
– अब भगवान शिव और गौरी माता का पुष्प, गंध, अक्षत, धूप, अबीर, गुलाल, चंदन और बेलपत्र आदि से पूजन करें।
– पूजा के समय माता गौरी को श्रृंगार सामग्री अर्पित करें।
– तत्पश्चात रंग और गुलाल अर्पित करें।
– फिर घी का दीया प्रज्वलित करके दीया और कपूर से भगवान की आरती करें।
– ‘ॐ हौं जूं सः’ मंत्र की कम से कम 11 माला का जप करें। अब शिव पार्वती, श्रीहरि विष्णु के मंत्र, स्तोत्र, चालीसा का पाठ करें। – रंगभरी या आमलकी एकादशी का पाठ पढ़ें अथवा सुनें- सुनाएं।
– रंगभरी एकादशी के दिन उपवास रखकर एक बार फलाहार ग्रहण करें।
कथा रंगभरी एकादशी
एक की पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में चित्रसन नाम का एक राजा था। उसके राज्य में एकादशी व्रत का बहुत महत्व था। राजा समेत सभी प्रजा एकादशी का व्रत बहुत ही श्रद्धा और भावपूर्वक किया करते थे।
राजा चित्रसेन को आमलकी एकादशी के प्रति बहुत गहरी आस्था थी। एक बार राजा शिकार करते हुए जंगल में बहुत दूर निकल गए। उसी समय कुछ जंगली और पहाड़ी डाकुओं ने राजा को घेर लिया और शस्त्रों से राजा पर प्रहार करने लगे, परंतु जब भी कोई डाकू राजा पर शस्त्र प्रहार करता, वह शस्त्र ईश्वर की कृपा से पुष्प में परिवर्तित हो जाता।
उन डाकुओं की संख्या बहुत अधिक थी, अतः राजा संज्ञाहीन होकर भूमि पर पड़ा। उसी समय राजा के शरीर से एक दिव्य शक्ति प्रकट हुई और उस दिव्य शक्ति ने समस्त दुष्टों की मार गिराया और वह अदृश्य हो गई। जब राजा की चेतना लौटी तो सभी डाकुओं को मरा हुआ पाया। यह दृश्य देखकर राजा को आश्चर्य हुआ।
राजा मन ही मन सोचने लगा कि इन डाकुओं को किसने मारा होगा?
तभी आकाशवाणी हुई, ‘हे राजन! यह सब दुष्ट तुम्हारे आमलकी एकादशी का व्रत करने के प्रभाव से मारे गए हैं। तुम्हारी देह से उत्पन्न आमलकी एकादशी की वैष्णवी शक्ति ने इनका संहार किया है। इन्हें मारकर वह पुन: तुम्हारे शरीर में प्रवेश कर गई।’
यह बातें सुनकर राजा को बहुत प्रसन्नता हुई और एकादशी के व्रत के प्रति राजा की श्रद्धा और अधिक बढ़ गई। राजा अपने देश वापस लौटा और राज्य में सबको एकादशी का महत्व बतलाया और इस एकादशी की कृपा से राजा पुनः सुखपूर्व राज्य करने लगा।
विशेष : होली है ..
ये है रंगभरी एकादशी से जुड़ी कथा और जानिए पूजा विधि ….
जानें आखिर श्री विष्णु को समर्पित एकादशी से क्या है शिव कनेक्शन और रंगभरी एकादशी के शुभ मुहूर्त और महत्व को
जानिए क्यों मनाते है रंगभरी एकादशी, क्या है इसका काशी से कनेक्शन
क्या है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, जानिए इससे जुडी पौराणिक कथा और महत्व
Braj ki holi : जहां खेली जाती है अलबेली 12 तरह होली, जानें इसके मायने
होलाष्टक में करें कौन से 7 अचूक उपाय, होगा आपको बेहद लाभ
जानिए, होलाष्टक के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए
होलाष्टक के दौरान करना चाहिए ये 15 कार्य, सबकुछ मिलेगा
आइये जानते हैं क्या होता हैं होलाष्टक, इससे जुड़ी पौराणिक कथा और आखिकर क्या है इसके पीछे का कारण?
जानिए क्या है रंग पंचमी कब और क्यों मनाया जाता है यह त्यौहार
पौराणिक कथाएं
राक्षसी होलिका, कैसे बनी एक पूजनीय देवी, जानें रोचक पौराणिक कथा
कौन थीं शबरी ? जानिए इनके माता पिता और गुरु को
महाभारत का युद्ध : आखिर 18 नंबर से क्या था कनेक्शन, क्यों चला था 18 दिन युद्ध ?
पौराणिक कथा : जानिए आखिर कैसे हुई थी श्री राधा रानी की मृत्यु ?
आखिर क्यों अपने ही बेटे के हाथों मारे गए थे अर्जुन
पत्थर रूप में ही क्यों शिंगणापुर में प्रकट हुए शनि पढ़िए पुरी कहानी
धार्मिक हलचल
चक्रपुष्करिणी तीर्थ : उत्तराभिमुख गोमुख का रंगभरी एकादशी पर होंगे दर्शन
पंचांग में समन्वय स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय पंचांग समन्वय संगोष्ठी का आयोजन
तीर्थाटन और पर्यटन को अलग करें सरकार : स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती
दैनिक पंचांग / राशिफल
आजका पंचांग, 3 मार्च 2023, शुक्रवार
आज का राशिफल, 03 मार्च 2023: कन्या राशि वालों को मिल सकता है संपत्ति सुख, जानिए बाकी राशियों का हाल
आज का राशिफल, 2 मार्च 2023, गुरुवार
आज का पंचांग, 2 मार्च 2023, गुरुवार
ग्रह चाल और आप
हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत पर इन चार राशियों का चमक उठेगा भाग्य
जानिए, मार्च मास में कैसा होगा आपका का राशिफल
जानिए, आज से शुरू सप्ताह आपके भविष्य पर क्या प्रभाव डालेगा ?
शुक्रवार आज गुरु कर रहे हैं गोचर, पढ़िए क्या होगा असर आप के राशि पऱ ?
अवश्य पढ़िए..
हॉलीवुड की इन मशहूर हस्तियों ने अपनाया सनातन धर्म
जानिए क्या हैं राम गीता, कृष्ण से नहीं राम से जुड़ी हैं चार गीता
यदि आप रुद्राक्ष धारण करने वाले, भूलकर इन 6 जगहों पऱ न जाय
घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी की फोटो लगाने से पहले जान लें ये नियम
आपके हाथ रेखाएं बताती हैं आपके के शरीर का रोग
इन पांच लोगों से डरते हैं शनि देव, जानें कौन हैं ये
नई दुल्हन को काले कपड़े पहनने की क्यों होती है मनाही, जानें सही वजह
परेशानियों से बचने के लिए 5 वस्तुएं को सदा रखे तुलसी से दूर
क्या है मंगला आरती ? जानिए महत्व और इससे जुड़ी पहलू
साल का पहला सूर्य ग्रहण, राशियों पर क्या होगा प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार माथे पर चंदन का तिलक लगाने के फायदे
किनको और क्यों रखना चाहिए शिखा या चोटी, मिलता हैं ये लाभ…
भगवान विष्णु, राम और कृष्ण की तरह क्यों नहीं लगता महादेव के आगे ‘श्री’
इस साल 7 या 8 मार्च, किस दिन खेली जाएगी होली? जानें होलिका दहन का सही मुहूर्त
जानिए क्या है फाल्गुन मास का धार्मिक महत्व, किनका करें पूजा…
ये हैं आज से शुरू हुए हिंदी कैलेंडर के अंतिम मास फागुन की ख़ास बातें
आज से शुरू हो रहा है फाल्गुन माह, जानें महत्त्व, नियम और पूजा विधि
यदि हैं आज कोर्ट कचहरी के चक्कर से परेशान, राहत के लिए आजमाये ये उपाय
छिड़कें दो चुटकी नमक, मिलेगा जोरदार तरक्की आपको अपने करियर में
शनि देव को शांत करने के पाँच प्रयोग, पढ़िए ब्रह्म पुराण’ में क्या कहते है शनिदेव
कुछ ऐसा रहेगा आपका फरवरी में ग्रह चाल , जानिए अपने राशि का हाल
ये है फरवरी माह के व्रत, त्योहार और छुट्टी की लिस्ट, जानिए कब है महाशिवरात्रि ?
उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111
डिसक्लेमर
इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।
Leave a Reply