पंचक में शुरू होंगी नवरात्रि, जानें पूजा का सही शुभ मुहूर्त
धर्म शास्त्र में चार नवरात्रि का वर्णन मिलता है जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि होती हैं और दो मुख्य नवरात्रि। मुख्य नवरात्रि की बात करें तो एक नवरात्रि चैत्र माह में मनाई जाती है और दूसरी शारदीय नवरात्रि होती है जिसे अश्विन माह में मनाया जाता है।
इस साल चैत्र नवरात्रि 22 मार्च, दिन बुधवार से शुरू हो रही है। नवरात्रि के नौ दिन माता रानी की पूजा की जाती है। मां के नौ रूपों की उपासना कर मां को प्रसन्न किया जाता है। यूं तो नवरात्रि घर में शुभता लाती है लेकिन इस बार नवरात्रि पंचक काल में शुरू होने जा रही है।
पंचक काल में शुरू होने के कारण नवरात्रि के पूजा मुहूर्त को लेकर सावधानी बरतने की खासा जरूरत है क्योंकि गलत मुहूर्त में की गई पूजा निष्फल हो जाती है। ऐसे में आइये जानते हैं नवरात्रि की पूजा के सही शुभ मुहूर्त के बारे में।
नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से होगी वहीं पंचक 19 मार्च, दिन रविवार से शुरू होकर 23 मार्च, दिन गुरुवार तक रहेंगे।
ऐसे में नवरात्रि का प्रथम और द्वितीय दिवस यानी कि प्रतिपदा और द्वितीया तिथि पंचक काल के अंतर्गत होगी। पंचक नवरात्रि के मात्र दो दिन ही रहने वाला है।
ऐसे में पंचक काल के दौरान नवरात्रि के प्रथम और द्वितीय दिवस का शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
वहीं, माता रानी की पूजा के लिए मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 39 मिनट तक मान्य होगा।
नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि के दिन कई विशेष योगों का निर्माण भी हो रहा है।
प्रतिपदा तिथि यानि कि 22 मार्च को पंचक काल में नवरात्रि शुक्ल योग में शुरू होगी।
शुक्ल योग को सर्व साधक योग माना जाता है। इस योग में पूजा करने से हर इच्छा पूरी होती है।
इसके बाद ब्रह्म योग का निर्माण होगा। इस योग में माता रानी की पूजा करने से ब्रह्म ज्ञान और आत्म मंथन की प्राप्ति होती है।
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