Home 2023 Mohini Ekadashi : कब है मोहिनी एकादशी? जानें पूजा मुहूर्त, महत्व और व्रत पारण समय

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

Mohini Ekadashi : कब है मोहिनी एकादशी? जानें पूजा मुहूर्त, महत्व और व्रत पारण समय

हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का अत्यंत महत्व है। एकादसी तिथि के व्रत को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल में 26 एकादशी पड़ती हैं। इन्हीं में से एक है वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी जिसे मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।

कब है मोहिनी एकादशी 2023?

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 30 अप्रैल, दिन रविवार को रात 08 बजकर 28 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 1 मई, दिन सोमवार को रात 10 बजकर 09 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, मोहिनी एकादशी का व्रत 1 मई को रखा जाएगा।

मोहिनी एकादशी 2023 का शुभ योग

मोहिनी एकादशी के दिन रवि योग और ध्रुव योग बन रहा है। इस दिन रवि योग सुबह 5 बजकर 41 मिनट से शाम 5 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। वहीं, ध्रुव योग ब्रह्म मुहूर्त से लेकर 11सुबह के बजकर 45 मिनट तक होगा।

मोहिनी एकादशी 2023 का पूजा मुहूर्त

1 मई, दिन सोमवार को सुबह 9 बजे से 10 बजकर 39 मिनट तक शुभ-उत्तम मुहूर्त रहने वाला है। ऐसे में इस अवधि के दौरान पूजा करना शुभ फलदायी रहेगा। इस शुभ योग में पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहेगी और पूजा का अक्षत फल समस्त परिवार को प्राप्त होगा।

मोहिनी एकादशी 2023 की पूजा विधि

प्रातः स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के समक्ष बैठकर उनके मोहिनी रूप का ध्यान करें।भगवान विष्णु को स्नान कराएं और उनका श्रृंगार करें। साथ ही नए वस्त्र धारण कराएं।भगवान विष्णु को पुष्प, अक्षत, माला, चंदन, पीले वस्त्र, पीले मिष्ठान आदि अर्पित करें।भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद उन्हें भोग लगाएं।भगवान विष्णु की आरती करें और भोग को प्रसाद के रूप में परिवार के बीच वितरित करें।

मोहिनी एकादशी 2023 का महत्व

मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा का विधान है।मान्यता है कि मोहिनी एकादशी के दिन व्रत रखने से असीम सौंदर्य और तीव्र बुद्धि की प्राप्ति होती है।इस दिन व्रत रखने से सौभग्य बढ़ता है और शरीर एवं व्यक्तित्व में आकर्षक तेज उत्पन्न होता है।

मोहिनी एकादशी 2023 का व्रत पारण समय

एकादशी का व्रत हमेशा द्वादशी के दिन संपन्न किया जाता है। ऐसे में 2 मई, दिन मंगलवार को सुबह 5 बजकर 40 मिनट से 8 बजकर 19 मिनट के मध्य में व्रत का समापन किया जा सकता है। इसके बाद व्रत पारण का सीधा समय रत को 11 बजकर 17 मिनट पर है।


– ” मोक्षभूमि ” डेस्क को फोन कर आप निशुल्क ज्योतिष,वास्तु और तीज – त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।



नवीनतम जानकारी

जानिए गाय, कुत्ता, कौवा, चींटी और पक्षी को खिलाने और पानी पिलाने से क्या है किस्मत का कनेक्शन

Weekly Numerology 1 -7 May: न्यूमेरोलॉजी से जानें इस सप्ताह का भविष्य

मई के महीने में इन राशियों पर आ सकती हैं समस्याएं, जानें ज्योतिष उपाय

जानिए आखिर कहां कहां है माता सीता का मंदिर, क्यों है ख़ास

Narad Jayanti: पढ़िए नारद मुनि के पत्रकार बनने की पौराणिक कथा, नारद मुनी थे पूर्व जन्म में….

Sita Navami : कब है सीता नवमी? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

सुयोग्य वर पाने और दीर्घायु सुहागन रहने के लिए सीता नवमी के दिन करें ये काम

क्या होती है भंडारा खाने से समस्या ? आइए जानते हैं…

आखिर क्यों भंडारे में नहीं करना चाहिए भोजन, जानें असल कारण

अनोखा भंडारा : रात के अंधियारे में जलती चिताओं के बीच लोग ग्रहण करते हैं भंडारा, जानिए परंपरा

भंडारा : जानें कैसे हुई शुरुआत भंडारे की, क्या है इसे जुड़ी कथा

क्यों बद्रीनाथ में नहीं बजाया जाता शंख, जानें इसके पीछे का बड़ा रहस्य

क्या होता है पंचक, पंचक क्यों नहीं करते हैं ये पांच कार्य

जानिए हर दिन कौन कौन से पड़ते हैं काल, क्या हैं उनके नाम

शनिवार को शनि की साढ़ेसाती और ढैया के करिये ये उपाय

घर में सुख-शांति के लिए आजमाए वास्तु के ये कारगर उपाय

क्या आप भी किसी की हथेली पर बिना सोचे समझे रखते हैं कुछ भी सामान.. हो सकता हैं नुकसान

जानिए आखिर क्यों नहीं किया जा सकता 3 मई तक मांगलिक कार्य

दैनिक पंचांग / राशिफल और जन्मदिन फल

Aaj Ka Panchang: आज का पंचांग, 1 मई 2023, सोमवार

Aaj Ka Rashifal 1st May: इन 4 राशियों के लिए होगी मई की शुरुआत धमाकेदार, क्या है आपके भाग्य में?

Aaj Ka Panchang: आज का पंचांग, 30 अप्रैल 2023, रविवार और आज का उपाय

Aaj Ka Rashifal 30th April: कर्क राशि वालों का आर्थिक पक्ष रहेगा मजबूत, इन राशियों का दिन भी रहेगा खास



अपने मूलांक से जानिए, कौन-कौन से रोग का हो सकता है आपसे कनेक्शन


पौराणिक कथाएं

जानिये किसका अवतार थीं लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला

जब कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछा मेरा दोष क्या था.? पढ़िए श्री कृष्ण का जवाब…

कौन हैं सुदर्शन चक्र ? जानें कैसे बने श्री कृष्ण का अस्त्र

महाभारत काल के वो पांच गांव, जिसकी वजह बना महाभारत युद्ध

जानिए पांडवो के स्वर्ग जाने की कथा, किन वजहों से पांचो पांडव बारी बारी नीचे गिरकर मृत्यु को प्राप्त हुए

राक्षसी होलिका, कैसे बनी एक पूजनीय देवी, जानें रोचक पौराणिक कथा

Mahabharat katha : आखिर क्यों गंगा ने मार दिया था अपने 7 बेटों को

पौराणिक कथा में पढ़िए कौन है खाटू श्याम जी, क्या है उनकी कहानी और 11 अनजाने रहस्य

कौन थीं शबरी ? जानिए इनके माता पिता और गुरु को

क्या आप जानते हैं सारे ज्योतिर्लिंग जमीन तल से नीचे क्यों स्थित हैं, कितने प्रकार के होते हैं शिव लिंग

महाभारत का युद्ध : आखिर 18 नंबर से क्या था कनेक्शन, क्यों चला था 18 दिन युद्ध ?

पौराणिक कथा : जानिए आखिर कैसे हुई थी श्री राधा रानी की मृत्यु ?

आखिर क्यों अपने ही बेटे के हाथों मारे गए थे अर्जुन

पत्थर रूप में ही क्यों शिंगणापुर में प्रकट हुए शनि पढ़िए पुरी कहानी


धार्मिक हलचल

चक्रपुष्करिणी तीर्थ : उत्तराभिमुख गोमुख का रंगभरी एकादशी पर होंगे दर्शन

ग्रह चाल और आप

चांडाल योग : 6 अनहोनी का जन्म देगा मेष में सूर्य, गुरु और राहु की युति, जानिए इसका आप पर प्रभाव

हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत पर इन चार राशियों का चमक उठेगा भाग्य




अवश्य पढ़िए..

इन पांच लोगों से डरते हैं शनि देव, जानें कौन हैं ये

नई दुल्हन को काले कपड़े पहनने की क्यों होती है मनाही, जानें सही वजह

परेशानियों से बचने के लिए 5 वस्तुएं को सदा रखे तुलसी से दूर

साल का पहला सूर्य ग्रहण, राशियों पर क्या होगा प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार माथे पर चंदन का तिलक लगाने के फायदे

किनको और क्यों रखना चाहिए शिखा या चोटी, मिलता हैं ये लाभ…

भगवान विष्णु, राम और कृष्ण की तरह क्यों नहीं लगता महादेव के आगे ‘श्री’

यदि हैं आज कोर्ट कचहरी के चक्कर से परेशान, राहत के लिए आजमाये ये उपाय

छिड़कें दो चुटकी नमक, मिलेगा जोरदार तरक्की आपको अपने करियर में

शनि देव को शांत करने के पाँच प्रयोग, पढ़िए ब्रह्म पुराण’ में क्या कहते है शनिदेव


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111


डिसक्लेमर

इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।


Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!