Home 2023 Pitru Paksha : सर्वपितृ अमावस्या..क्या है श्राद्ध मुहूर्त ? क्या होगा सूर्य ग्रहण का श्राद्ध का असर ?

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Pitru Paksha : सर्वपितृ अमावस्या..क्या है श्राद्ध मुहूर्त ? क्या होगा सूर्य ग्रहण का श्राद्ध का असर ?

 पितृपक्ष का समापन हमेशा सर्वपितृ अमावस्या से होता है लेकिन इस बार इसकी डेट को लेकर थोड़ा सा कन्फ्यूजन पैदा हो गया है, कुछ लोगों का कहना है कि सर्वपितृ अमावस्या 13 अक्टूबर को है तो कुछ का मानना है कि अमावस्या 14 को है।

तो आपको बता दें कि सर्वपितृ अमावस्या 14 अक्टूबर को आ रही है और इस दिन शनिवार होने से इसका मान और भी ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि ये शनिश्चरी अमावस्या हो गई है।

पितरों की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती है

आपको बता दें कि जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती है, वे इस अमावस्या पर उनका श्राद्ध, तर्पण करते हैं। ये पितृपक्ष का अंतिम दिन है इसलिए इसे पितृ विसर्जनी अमावस्याा भी बोलते हैं।

पिंडदान से पितरों की नाराजगी भी दूर होती है

मान्यता है कि पृथ्वीलोक पर आए पूर्वज इस दिन अपने लोक वापस लौटते हैं इसलिए इस दिन घरों में लोग अपने पूर्वजों के मनपसंद भोजन बनाकर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं, जिससे की पूर्वज खुशी-खुशी विदा हों। इसदिन श्राद्ध,तर्पण और पिंडदान इत्यादि से पितरों की नाराजगी भी दूर होती है। साथ ही पितृ दोष और काल सर्प दोषों से भी मुक्ति मिलती है।

श्राद्ध मुहूर्त

आपको बता दें कि अमावस्या तिथि का आरंभ 13 अक्टूबर को रात 9 बजकर 50 मिनट पर होगा लेकिन वैदिक धर्म में उदयातिथि मान्य होती है इसलिए अमावस्या तिथि 14 अक्टूबर को मानी जाएगी, आपको इस तिथि का समापन 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट पर होगी और इसलिए इस साल श्राद्ध का मुहूर्त तीन भागों में बंटा है।

पहला मुहूर्त : 14 अक्टूबर को 11.44 AM से 12:30 PM

दूसरा मुहूर्त: 14 अक्टूबर को 12:30 PM से 1:16 PM

तीसरा मुहूर्त: 14 अक्टूबर को 1:16 PM से 3:35 PM

इस दिन क्या करें

पवित्र नदियों में स्नान करें।
तर्पण-दूध, तिल, कुशा, पुष्प, पितरों को अर्पित करें।
पूर्वजों का मनपसंद भोजन बनाकर उनके नाम पर दान करें।
ब्राह्मणों को भोजन कराएं, पिंडदान करें।

वैसे तो अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है, इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। लेकिन इस बार शनिश्चरी अमावस्या है इसलिए इस दिन शनिदेव की भी पूजा करें इससे जो लोग शनिपीड़ा से ग्रसित हैं उससे राहत मिल जाएगी।

सूर्य ग्रहण का होगा असर

आपको बता दें कि 14 तारीख को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण पड़ रहा है लेकिन ये इंडिया में प्रभावी नहीं है इसलिए अमावस्या की पूजा पर इसका कोई असर नहीं होगा।


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Author: Admin Editor MBC

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