Lakshmi mata : घर के मंदिर में माता लक्ष्मी की मूर्ति रखते समय न करें वास्तु से जुड़ी ये गलतियां
हिंदू संस्कृति में माता लक्ष्मी धन, समृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। अपने घर में लक्ष्मी की मूर्ति रखना केवल सजावट का तरीका नहीं है बल्कि ये भक्त की भक्ति को भी दिखाता है। इसे एक आध्यात्मिक अभ्यास माना जाता है और माता लक्ष्मी को मूर्ति की पूजा विधि-विधान से करना घर के सभी दोषों को दूर करने का कारण बनता है।
ऐसे में हममें से ज़्यदातर लोग घर में माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनका पूजन करते हैं, लेकिन वास्तु में कई ऐसी बातें बताई जाती हैं जिनका पालन जरूरी है।
ऐसे ही माता लक्ष्मी को मूर्ति स्थापित करने के लिए भी कुछ नियम बताए गए हैं और कुछ वास्तु से जुड़ी गलतियों से बचने की सलाह दी जाती है। आइए वास्तु एक्सपर्ट डॉ मधु कोटिया से जानें कि आपको घर के मंदिर में माता लक्ष्मी को मूर्ति स्थापित करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
माता लक्ष्मी की खड़ी हुई मूर्ति न रखें
अगर आप घर के पूजा स्थल पर माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित कर रही हैं तो रखें कि कभी भी ऐसी मूर्ति स्थापित न करें जिसमें माता लक्ष्मी खड़ी मुद्रा में हों। हमेशा आपको ऐसी मूर्ति स्थापित करने की सलाह दी जाती है जिसमें माता कमल पर विराजमान हों और प्रसन्न मुद्रा में नजर आएं।
खड़ी हुई मुद्रा में माता लक्ष्मी की पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। साथ ही, आपको इस बात का ध्यान जरूर देना चाहिए कि मंदिर में स्थापित माता लक्ष्मी हमेशा मुस्कुराती हुई नार आएं और आशीर्वाद दे रही हों।
माता लक्ष्मी की खंडित मूर्ति न रखें
कई बार हम अपनी श्रद्धा वश माता लक्ष्मी की खंडित मूर्ति को भी घर में ही रखते हैं और उनका पूजन करते हैं। ज्योतिष में सलाह दी जाती है कि आप हमेशा माता लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति रखें जो पूर्ण हो। कभी भी मंदिर में खंडित या अधूरी मूर्ति न रखें। यदि आप खंडित मूर्ति की पूजा करती हैं तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
घर के मंदिर में माता लक्ष्मी और गणपति की मूर्ति एक साथ न रखें
ऐसा हमेशा समझा जाता है की माता लक्ष्मी और गणेश की पूजा एक साथ ही करनी चाहिए, लेकिन ज्योतिष की मानें तो आपको माता लक्ष्मी की मूर्ति कभी भी गणपति जी के साथ नहीं रखनी चाहिए। इस रूप में माता लक्ष्मी की पूजा केवल दिवाली के दिन ही की जाती है। इसके साथ ही दिवाली में भी यदि आप गणपति के साथ माता लक्ष्मी को स्थापित करती हैं तो उन्हें गणपति के दाहिनी तरफ ही स्थापित करना चाहिए।
माता लक्ष्मी की मूर्ति सीधे मंदिर की फर्श पर न रखें
यदि आप मंदिर में माता लक्ष्मी को स्थापित करती हैं तो ध्यान रखें कि उनकी स्थापना के लिए एक चौकी या वेदी का चुनाव करें। यदि आप जमीन पर या सीधे ही मंदिर में मूर्ति रखते हैं तो ये माता का अपमान होता है और उनकी पूजा का पूर्ण फल भी भक्तों को नहीं मिलता है।
घर में कैसे करें माता लक्ष्मी की स्थापना
माता लक्ष्मी को मूर्ति को एक समर्पित पूजा कक्ष या वेदी पर रखना जरूरी है, इसलिए उन्हें एक लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें।
यदि आप माता लक्ष्मी की स्थापना घर के मुख्य द्वार पर करती हैं तो ये भी आपके लिए फलदायी होगा क्योंकि इससे घर में धन आकर्षित होता है।
जिस स्थान पर माता की मूर्ति स्थापित हो उसके आस-पास धूल या गन्दगी नहीं होनी चाहिए। माता की मूर्ति हमेशा शांत वातावरण में स्थापित करनी चाहिए। यदि आपके पास घर पर कार्यालय या अध्ययन कक्ष है, तो वहां मूर्ति स्थापित करना आपके लिए फलदायी होगा।
मूर्ति की स्थापना के समय उसके चारों ओर प्रचुरता के प्रतीक रखें, जैसे ताजे फलों का कटोरा, फूलों की टोकरी, स्वस्तिक का चिह्न आदि।
घर के मंदिर में स्थापित माता लक्ष्मी का पूजन नियमित रूप से करें और उन्हें क्षमतानुसार भोग अर्पित करें। माता को नियमित ताजे फूल चढ़ाएं और घर की खुशहाली की प्रार्थना करें।
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