Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी के दिन आजमाएं वास्तु के ये 7 उपाय, पूरे साल बनी रहेगी माता सरस्वती की कृपा
हिंदू धर्म में बसंत पंचमी को बहुत की खास माना जाता है और इस अवसर पर माता सरस्वती की पूजा का विधान है। बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा की तरह भी मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार बसंत पंचमी माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
इस दिन माता सरस्वती का पूजन विधि-विधान के साथ किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है और सद्बुद्धि आती है।
इस दिन माता सरस्वती को पीली चीजों का भोग लगाया जाता है और पीले वस्त्र धारण किए जाते हैं। सरस्वती पूजा हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है।
मान्यता है कि यदि आप इस दिन कुछ विशेष वास्तु उपाय आजमाएं तो जीवन में सफलता का आशीर्वाद मिलता है और पूरे साल खुशहाली बनी रहती है।
पूरे घर को साफ और शुद्ध करें
वास्तु की मानें तो यदि आप बसंत पंचमी से पहले पूरे घर की अच्छी तरह से सफाई करती हैं और घर का हर एक कोना साफ़ करती हैं तो इसका सीधा असर हमारे भविष में पड़ता है और सद्बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
आप बसंत पंचमी के कुछ दिन पहले से ही साफ़-सफाई शुरू कर दें और घर के हर एक कोने को अच्छी तरह से साफ कर दें। इस वास्तु उपाय से आपके घर की समस्त नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सकता है और सकारात्मकता का आशीर्वाद मिलता है।
बसंत पंचमी में रंगों से सजाएं घर
बसंत पंचमी के दिन आप जीवंत रंगों को अपनाएं। इस दिन मुख्य रूप से पीले रंग का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। पीला रंग समृद्धि और खुशी का प्रतीक माना जाता है और इसे एक नई शुरुआत से भी जोड़ा जाता है।
यदि आप अपने घर की सजावट पीले रंग से करती हैं तो ये आपके लिए बहुत शुभ हो सकता है और घर के वास्तु दोषों को भी दूर किया जा सकता है। अपने घर में यदि आप नया वॉल पेपर लगाते हैं तो उसमें पीले रंग का इस्तेमाल करना चाहिए और यदि आप घर के परदे बदल रही हैं तो उन्हें भी पीले रंग का ही होना चाहिए। इस उपाय से घर में सकारात्मकता बनी रहती है।
ईशान कोण की करें सफाई
आपके घर की उत्तर-पूर्व दिशा को एक पवित्र स्थान माना जाता है और इसी स्थान पर पूजा का स्थान बनाने की सलाह दी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिशा को साफ़ करके खुशहाली बनी रहती है। वास्तु में इस दिशा को अत्यधिक शुभ माना जाता है और माना जाता है कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाती है।
वैसे तो आपको पूरे घर की सफाई करने की सलाह दी जाती है, लेकिन किसी वजह से यदि आप ऐसा न कर पाएं तो आपको ईशान कोण को जरूर साफ़ करना चाहिए।
पीले फूलों से करें घर की सजावट
बसंत पंचमी को एक नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व बसंत ऋतु में मनाया जाता है और इसी दौरान वातावरण में पीले फूलों की बहार होती है। इसी वजह से यदि आप बसंत पंचमी के दिन घर को पीले फूलों से सजाती हैं तो यह घर में समृद्धि के मार्ग खोलने में मदद करता है।
इस दिन आप पीले गेंदे के फूलों से तोरण बनाएं और घर के मुख्य द्वार पर सजाएं। ऐसा माना जाता है कि फूल न केवल केवल सुंदरता का प्रतीक हप्ते हैं बल्कि घर के भीतर प्रकृति की ऊर्जा भी लाते हैं, जिससे एक शांत वातावरण बनता है और घर के लोगों का मन सकारात्मकता से भर जाता है।
पीतल और तांबे की वस्तुओं से सजाएं घर
बसंत पंचमी के दौरान अपने घर की सजावट में पीतल या तांबे की वस्तुओं को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि ये धातुएं सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं और आपके रहने की जगह में सुंदरता का स्पर्श जोड़ती हैं। यदि आप माता सरस्वती की पूजा कर रही हैं तो घर के मंदिर में इन्हीं धातुओं के बर्तनों का इस्तेमाल करें, जिससे पूजा का पूर्ण फल मिल सके।
सरस्वती पूजा और प्रसाद का आयोजन करें
बसंत पंचमी की शुरुआत एक विशेष पूजा आयोजित करके और देवी सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करके करनी चाहिए। दैवीय ऊर्जाओं का आह्वान करने के लिए फूल, फल और अन्य शुभ वस्तुएं माता की तस्वीर पर चढ़ाएं। इस दिन आप घर में जो भी प्रसाद बनाएं उसे परिवार के सभी सदस्यों और मित्रजनों में जरूर वितरित करें।
स्टडी रूम की करें सफाई
बसंत पंचमी के दिन मुख्य रूप से छात्रों को इस बात का ध्यान देने की जरूरत है कि आपका अध्ययन या कार्यक्षेत्र अव्यवस्था मुक्त होना चाहिए। एक व्यवस्थित अध्ययन क्षेत्र एकाग्रता और रचनात्मकता को बढ़ावा देता है।
सकारात्मक ऊर्जा के मुक्त प्रवाह के लिए इस स्थान से अनावश्यक वस्तुओं को हटा दें। इस दिन पढ़ाई या काम करते समय पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। इन दिशाओं को शैक्षणिक और करियर विकास के लिए अनुकूल माना जाता है।
यदि आप बसंत पंचमी के दिन यहां बाटे वास्तु उपायों को आजमाती हैं तो आपके घर में समृद्धि बनी रहती है और माता सरस्वती की विशेष कृपा दृष्टि प्राप्त होती है।
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