Vasantik navratri : कब शुरू हो रहा है वासंतिक / चैत्र नवरात्रि, जानिये मुहूर्त, आराधना विधान, कलश स्थापन और माँ गौरी और दुर्गा के नौ स्वरूप
– ज्योतिर्विद्व विमल जैन, काशी
वासन्तिक नवरात्र 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक
जगतजननी नवदुर्गा की आराधना से होगी सुख-समृद्धि व ऐश्वर्य में वृद्धि
कुमारी कन्याओं की पूजन से मिलेगा माँ जगदम्बा का आशीर्वाददुर्गा अष्टमी : 16 अप्रैल, मंगलवार ।
नवमी: 17 अप्रैल, बुधवार ।
दशमी : 18 अप्रैल, गुरुवार
ब्रह्मपुराण के अनुसार चैत्र शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से नववर्ष का प्रारम्भ माना जाता है। इसे भारतीय संवत्सर भी कहते हैं। चैत्र शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन ही ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी। नववर्ष के प्रारम्भ में नौ दिन तक वासन्तिक (चैत्र) नवरात्र कहलाता है। नवरात्र के पावन पर्व पर जगत्जननी माँ जगदम्बा दुर्गाजी की पूजा-अर्चना की विशेष महत्ता है। वासन्तिक नवरात्र में भगवती की आराधना से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
वर्ष में होते हैं चार नवरात्र
वर्ष में चार नवरात्र में 2 गुप्त नवरात्र ( आषाढ़ व माघ के शुक्लपक्ष) और 2 प्रत्यक्ष नवरात्र (चैत्र व आश्विन के शुक्लपक्ष ) होते हैं। वसन्त ऋतु में दुर्गाजी की पूजा-आराधना से जीवन के सभी प्रकार की बाधाओं की निवृत्ति होती है। वासन्तिक नवरात्र में शक्तिस्वरूपा माँ दुर्गा, लक्ष्मी एवं सरस्वती जी की विशेष आराधना फलदायी मानी गई है। माँ दुर्गा व नौ गौरी के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना से सुख-समृद्धि, खुशहाली मिलती है। भगवती की प्रसन्नता के लिए शुभ संकल्प के साथ नवरात्र के शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना करके व्रत या उपवास रखकर श्रीदुर्गासप्तशती के पाठ व मन्त्र का जप करना विशेष लाभकारी माना गया है।
माँ जगदम्बा की आराधना का प्रारम्भ और विधान
माँ जगदम्बा के नियमित पूजा में सर्वप्रथम कलश की स्थापना की जाती है। प्रख्यात ज्योतिर्विद् विमल जैन ने बताया कि इस बार नवरात्र 9 अप्रैल, मंगलवार से 17 अप्रैल, बुधवार तक रहेगा। चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल, सोमवार को रात्रि 11 बजकर 51 मिनट पर लगेगी जो कि 9 अप्रैल, मंगलवार को रात्रि 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के मान के अनुसार 9 अप्रैल मंगलवार को प्रतिपदा तिथि रहेगी।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
9 अप्रैल, मंगलवार, दिन में 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट (अभिजीत मुहूर्त) तक। बताते चलें कि कलश स्थापना रात्रि में नहीं की जाती है। कलश स्थापना के लिए कलश लोहे या स्टील का नहीं होना चाहिए। शुद्ध मिट्टी में जौ के दाने भी बोए जाने चाहिए। माँ जगदम्बा को लाल चुनरी, अढ़उल के फूल की माला, नारियल, ऋतुफल, मेवा व मिष्ठान आदि अर्पित करके शुद्ध देशी घी का दीपक जलाना चाहिए। दुर्गासप्तशती का पाठ एवं मन्त्र का जप करके आरती करनी चाहिए। माँ जगदम्बा की आराधना अपने परम्परा व धार्मिक विधान के अनुसार करना शुभ फलदायी रहता है।
माँ गौरी के नौ स्वरूप
वासन्तिक नवरात्र में नौ गौरी के दर्शन-पूजन एवं व्रत करने का विधान है। इसी क्रम में – प्रथम – मुख निर्मालिका गौरी, द्वितीय – ज्येष्ठा गौरी, तृतीय- सौभाग्य गौरी, चतुर्थ-श्रृंगार गौरी, पंचम- विशालाक्षी गौरी, षष्ठ-ललिता गौरी, सप्तम- भवानी गौरी, अष्टम्-मंगला गौरी और नवम्-सिद्ध महालक्ष्मी गौरी नवरात्र में जगत् जननी माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्त्व है।
माँ दुर्गा के नौ स्वरूप
कुछ आस्थावान भक्तगण गौरी पूजा के साथ ही साथ माँ नवदुर्गा की भी पूजा-अर्चना करते हैं । इसी क्रम में प्रथम शैलपुत्री, द्वितीय – ब्रह्मचारिणी, तृतीय- चन्द्रघण्टा, चतुर्थ- कुष्माण्डा देवी, पंचम स्कन्दमाता, षष्ठ- कात्यायनी, सप्तम – कालरात्रि, अष्टम- महागौरी एवं नवम् सिद्धिदात्री काशी में नौ दुर्गा एवं नौ गौरी के मन्दिर प्रतिष्ठित हैं। जहाँ भक्तगण अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए नवरात्र में विशेष दर्शन-पूजन करके लाभान्वित होते हैं।
आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो आप इसे फेसबुक, व्हाट्सप्प पर शेयर और लाइक करें। ताकि 12 भाषा की काशी की पहली धार्मिक न्यूज़ पोर्टल “मोक्ष भूमि” की यह जानकारी दूसरे सनातनी को मिल सके
नवीनतम जानकारियां
यदि पैर का अंगूठा और उसके पास वाली उंगली दोनों हो बराबर तो मिलता है ये लाभ …..
आखिर 7 दिनों का ही क्यों होता है सप्ताह, जानें इसकी खास वजह
Morpankh puja : फाल्गुन माह में क्यों की जाती है मोरपंख की पूजा ?
Phalgun Mas : जानिए फाल्गुन मास में मोरपंख की पूजा की क्या है वजह ?
Bhishm ashtami : आज के दिन भीष्म पितामह ने त्यागा था शरीर, जानें इस दिन का महत्व
Shaniwar : शनिवार करें ये उपाय, कष्ट होंगे दूर, जीवन में आएगी जबरदस्त बदलाव
Shani Dev: आज भूलकर भी ना करें ये काम वरना झेलना पड़ेगा शनि देव का कोप
Shani dev : आखिर क्यों शनि की सवारी है कौआ, क्या है इसका धार्मिक महत्व, कैसे हुआ शनि का जन्म ?
Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी के दिन इस दिशा में स्थापित करें सरस्वती यंत्र, बनगे सभी काम
Mauni amavasya : मौनी अमावस्या के दिन जरूर करें मौन स्नान, मोक्ष की हो सकती है प्राप्ति
First Solar Eclipse 2024: कब लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण ? जानें कहाँ दिखेगा कहाँ नहीं…
Saraswati puja : सफलता में आने वाली बाधाएं दूर करने हेतू घर में रखे मां सरस्वती की तस्वीर
आखिर क्यों भोजन के समय बात करने की होती है मनाही? जानें क्या कहता है शास्त्र
जानिए मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद क्यों टूट जाता है सामने रखा शीशा?
Eksloki ramayan : एकश्लोकी रामायण में मात्र एक श्लोक में संपूर्ण राम कथा
शनि देव के प्रिय इस पौधे के हैं अनगिनत फायदे, मां लक्ष्मी की कृपा से बदल जाते हैं दिन
मकर संक्रांति : राशि के अनुसार दान करने से मिलता है दान का सौ गुना लाभ, अभी से कर लेंगे तैयारी …
जानें आखिर शिव मंदिर में क्यों बजाते है ताली, ये है पौराणिक महत्व
Ullu : आपके घर पर यदि दिखा है उल्लू, तो जानिए क्या है इसके मायने ?
Lord Dattatreya : जयंती पर जानिए भगवान दत्तात्रेय के तीन मुख का रहस्य ओर इनके 24 गुरुओं के नाम
वर्ष 2024 के कैलेंडर लगाने से पहले वास्तु को भी जान लें, पुरे वर्ष बनी रहेगी समृद्धि
Rashifal 2024: इन राशियों के जीवन में आएगा बड़ा बदलाव, किस्मत करवट लेने को है तैयार
जब विष्णुजी के शरीर से कन्या का हुआ जन्म, जानिए कैसे उत्पन्न हुई एकादशी ?
भैरव को प्रसाद में शराब का चढ़ावा, षड्यंत्र है या परंपरा ? जानिए क्या है धर्म ग्रंथ में
Astro guru : इन तीन राशि के जातकों का साल 2024 रहेगा शानदार, जानिए कौन है इसका कारक
Vastu shastra : कहां रखना चाहिए झाड़ू…? गलत जगह झाड़ू रखने से क्या होता है..
वास्तु : घर में दो शमी के पौधे रखना ठीक या गलत, जानें इसकी दिशा और ख़ास बातें
Ahoi ashtami : संतान प्राप्ति में हो रही nहै देरी, नहीं ठहरता है गर्भ, इस व्रत से मिलेगी सफलता
Papankusha Ekadashi : इस कथा के पाठ से होती है 1000 अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति
चाणक्य की बातें
चाणक्य की बातें : इन 4 तरह के आदतों के लोगों को हमेशा अपने घर से रखे दूर , वरना …
थोड़ा नुकसान उठा लीजिए, मगर जीवन में इन 7 लोगों से कभी मदद मत मांगिए
कथाएं रामायण की ..
Ramayan : श्री राम के अलावा इन योद्धाओं के हाथों मरते-मरते बचा था रावण
कथाएं महाभारत की ..
Mahabharata : क्या गांधारी के श्राप के कारण अफगानिस्तान का हुआ है ये हाल ?
महाभारत से : जानिए रहस्य, आखिर क्यों गंगा ने मार दिया था अपने 7 बेटों को
Mahabharat Katha: किस श्राप के कारण अर्जुन बन गए थे किन्नर?
क्या चीर हरण के समय द्रौपदी रजस्वला थी ? जानिये ‘बोल्ड’ द्रौपदी से जुडी पूरी बातें
जानिये किसका अवतार थीं लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला
जब कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछा मेरा दोष क्या था.? पढ़िए श्री कृष्ण का जवाब…
कौन हैं सुदर्शन चक्र ? जानें कैसे बने श्री कृष्ण का अस्त्र
महाभारत काल के वो पांच गांव, जिसकी वजह बना महाभारत युद्ध
निर्जला एकादशी : जानिए जब युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा था एकादशी व्रत की जानकारी, फिर ..
Mata sarasvati : क्या ब्रह्माजी ने अपनी बेटी सरस्वती से विवाह किया था ? जानिए क्या है सच.
Basant Panchami 2024 : 14 फरवरी को बसंत पंचमी, जानिए मुहूर्त, मंत्र और वंदना
Basant Panchami 2024 : मां सरस्वती से मिलती है ये शिक्षा , जानिये कौन सी है शिक्षा?
Basant Panchami 2024 : बसंत पंचमी के दिन क्या करें और क्या न करें?
आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो आप इसे फेसबुक, व्हाट्सप्प पर शेयर और लाइक करें। ताकि 12 भाषा की काशी की पहली धार्मिक न्यूज़ पोर्टल “मोक्ष भूमि” की यह जानकारी दूसरे सनातनी को मिल सके
“विशेष में” गुप्त नवरात्र
Gupt navratr : कैसे हुआ देवी त्रिपुर सुंदरी का जन्म, कहाँ है इनका दिव्य धाम
Gupt navaratr : नवरात्रि की 10 देवियां की पहली देवी है काली, जानिए माता से जुड़ी सभी जानकारियां
गुप्त नवरात्र की सम्पूर्ण जानकारी, नामकरण, महत्व, दस देवियों की आराधना और पूजा की विधि
Magh Gupt Navratri 2024 : गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से, पूरे नौ दिन होगी माता की आराधना
नवीनतम जानकारियां
Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी के दिन इस दिशा में स्थापित करें सरस्वती यंत्र, बनगे सभी काम
Mauni amavasya : मौनी अमावस्या के दिन जरूर करें मौन स्नान, मोक्ष की हो सकती है प्राप्ति
First Solar Eclipse 2024: कब लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण ? जानें कहाँ दिखेगा कहाँ नहीं…
Saraswati puja : सफलता में आने वाली बाधाएं दूर करने हेतू घर में रखे मां सरस्वती की तस्वीर
आखिर क्यों भोजन के समय बात करने की होती है मनाही? जानें क्या कहता है शास्त्र
जानिए मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद क्यों टूट जाता है सामने रखा शीशा?
Eksloki ramayan : एकश्लोकी रामायण में मात्र एक श्लोक में संपूर्ण राम कथा
शनि देव के प्रिय इस पौधे के हैं अनगिनत फायदे, मां लक्ष्मी की कृपा से बदल जाते हैं दिन
मकर संक्रांति : राशि के अनुसार दान करने से मिलता है दान का सौ गुना लाभ, अभी से कर लेंगे तैयारी …
जानें आखिर शिव मंदिर में क्यों बजाते है ताली, ये है पौराणिक महत्व
Ullu : आपके घर पर यदि दिखा है उल्लू, तो जानिए क्या है इसके मायने ?
Lord Dattatreya : जयंती पर जानिए भगवान दत्तात्रेय के तीन मुख का रहस्य ओर इनके 24 गुरुओं के नाम
वर्ष 2024 के कैलेंडर लगाने से पहले वास्तु को भी जान लें, पुरे वर्ष बनी रहेगी समृद्धि
Rashifal 2024: इन राशियों के जीवन में आएगा बड़ा बदलाव, किस्मत करवट लेने को है तैयार
जब विष्णुजी के शरीर से कन्या का हुआ जन्म, जानिए कैसे उत्पन्न हुई एकादशी ?
भैरव को प्रसाद में शराब का चढ़ावा, षड्यंत्र है या परंपरा ? जानिए क्या है धर्म ग्रंथ में
Astro guru : इन तीन राशि के जातकों का साल 2024 रहेगा शानदार, जानिए कौन है इसका कारक
Vastu shastra : कहां रखना चाहिए झाड़ू…? गलत जगह झाड़ू रखने से क्या होता है..
वास्तु : घर में दो शमी के पौधे रखना ठीक या गलत, जानें इसकी दिशा और ख़ास बातें
Ahoi ashtami : संतान प्राप्ति में हो रही है देरी, नहीं ठहरता है गर्भ, इस व्रत से मिलेगी सफलता
Papankusha Ekadashi : इस कथा के पाठ से होती है 1000 अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति
चाणक्य की बातें
चाणक्य की बातें : इन 4 तरह के आदतों के लोगों को हमेशा अपने घर से रखे दूर , वरना …
थोड़ा नुकसान उठा लीजिए, मगर जीवन में इन 7 लोगों से कभी मदद मत मांगिए
कथाएं रामायण की ..
Ramayan : श्री राम के अलावा इन योद्धाओं के हाथों मरते-मरते बचा था रावण
कथाएं महाभारत की ..
Mahabharata : क्या गांधारी के श्राप के कारण अफगानिस्तान का हुआ है ये हाल ?
महाभारत से : जानिए रहस्य, आखिर क्यों गंगा ने मार दिया था अपने 7 बेटों को
Mahabharat Katha: किस श्राप के कारण अर्जुन बन गए थे किन्नर?
क्या चीर हरण के समय द्रौपदी रजस्वला थी ? जानिये ‘बोल्ड’ द्रौपदी से जुडी पूरी बातें
जानिये किसका अवतार थीं लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला
जब कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछा मेरा दोष क्या था.? पढ़िए श्री कृष्ण का जवाब…
कौन हैं सुदर्शन चक्र ? जानें कैसे बने श्री कृष्ण का अस्त्र
महाभारत काल के वो पांच गांव, जिसकी वजह बना महाभारत युद्ध
निर्जला एकादशी : जानिए जब युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा था एकादशी व्रत की जानकारी, फिर ..
Leave a Reply