Nav vikram samwat : नव विक्रम संवत् 2081 के राजा मंगल और मंत्री होंगे शनिग्रह, जानिए बाकी ग्रहों का क्या है विभाग और क्या होगा इनका असर
– विमल जैन, काशी
* मीन राशि के चतुर्ग्रही योग में नवसंवत्सर का प्रारम्भ
* चैत्र नवरात्र के प्रतिपदा से नव विक्रम 2081 नवसंवत्सर का होगा शुभारम्भ
* इस बार नवसंवत्सर का नाम पींगल
विक्रम संवत् 2081 का शुभागमन 9 अप्रैल 2024, मंगलवार से हो रहा है। नवसंवत्सर पर अपने घर को वंदनवार से सजाना चाहिए, अशोक के पत्ते की वंदनवार विशेष शुभ मानी गई है। इस दिन घर पर ध्वजा लगाने की परम्परा है। नवसंवत्सर पर नवीन परिधान धारण कर अपने इष्ट एवं आराध्य देवी-देवता की पूजा-अर्चना अवश्य करनी चाहिए ।
मंगलवार से संवत् का प्रारम्भ होने पर राजा मंगल और मंत्री शनिग्रह है। विक्रम संवत् में दश अधिकारी माने गए हैं। दश अधिकारियों में 5 विभाग सौम्य ग्रहों को तथा 5 विभाग उग्र ग्रहों को प्राप्त हुआ है । सस्येश – मंगल, धान्येश-सूर्य, मेघेश – शुक्र, रसेश-गुरु, नीरसेश-मंगल, फलेश- शुक्र, धनेश चन्द्र, दुर्गेश- शुक्र हैं।
नव विक्रम संवत् 2081 का प्रवेश वृश्चिक राशि में हो रहा है। नवसंवत्सर के प्रथम दिन मंगलवार को मीन राशि में चतुर्ग्रही योग बन रहा है। मीन राशि में चन्द्रमा, सूर्य, शुक्र एवं राहु की उपस्थिति रहेगी। कुम्भ राशि में शनि व मंगल । मेष राशि में बुध एवं गुरु तथा कन्या राशि में केतु विराजमान रहेंगे।
नव संवत्सर में ग्रहों के दशाधिकारों में शुभ ग्रहों की स्थिति 5 हैं, जबकि अशुभ (क्रूर) ग्रहों की स्थिति 5 हैं। जिसके फलस्वरूप पूरे वर्ष में विषमता का दौर
अधिक रहेगा। राजा-मंगल तथा मंत्री – शनि के होने से शासक-प्रशासक में यदा-कदा वैचारिक मतभेद उपस्थित होते रहेंगे। साथ ही शासक वर्ग को प्रजा के लिए कठोर निर्णय लेने होंगे। वर्ष में 23 अप्रैल से 11 जून के मध्य मंगल-राहु का एक ही राशि में होना दैविक-प्राकृतिक प्रकोप के साथ ही अन्य कठिनाइयाँ प्रभावी रहेंगी। जून से सितम्बर 2024 के मध्य विश्व के कुछ विशेष राष्ट्रों में
आन्तरिक और राजनैतिक एवं आर्थिक परिस्थितियाँ विशेष रूप से प्रतिकूल रहेंगी। जिसके कारण वहाँ के शासकों को विशेष कठिनाइयों के दौरान गुजरना पड़ेगा। शनि-मंगल की स्थिति देश-विदेश में यदा-कदा गृहयुद्ध तथा अनहोनी घटनाओं की आशंकारहेगी।
नव संवत्सर 2081 में मेष, सिंह, धनु राशि वालों को विशेष परेशानी जबकि वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक एवं मकर राशि वालों को अनुकूलता बनी रहेगी। कुम्भ एवं मीन राशि वालों को विशेष प्रयास व संघर्ष के पश्चात् ही सफलता का मार्ग प्रशस्त होगा
पींगल संवत्सर को शुभ माना गया है। हालांकि इसका स्वामी ग्रह राहु है । दशाधिकारियों को मिले पदों के अनुसार यह संवत् जनमानस को सुख-समृद्धि – सफलता प्रदान कराता है। सामान्यतः यह विक्रम संवत् में प्रगति हेतु नवप्रयास सफल होंगे। समस्त पक्षों में कम या अधिक रूपों से सामान्य शुभ फलदायी रहेगा।
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