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करवा चौथ : व्रतकर्ता अपनी जन्मतिथि व जन्मराशि के अनुसार परिधान धारण करके करें पूजा-अर्चना , मिलेगा सौभाग्य 

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13 Oct

करवा चौथ : व्रतकर्ता अपनी जन्मतिथि व जन्मराशि के अनुसार परिधान धारण करके करें पूजा-अर्चना , मिलेगा सौभाग्य 

करवा चौथ : व्रतकर्ता अपनी जन्मतिथि व जन्मराशि के अनुसार परिधान धारण करके करें पूजा-अर्चना , मिलेगा सौभाग्य

भारतीय सनातन धर्म में कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ (करक चतुर्थी) का व्रत रखा जाता है। विशिष्ट कामना की पूर्ति के लिए सुहागिन महिलाएँ करवा चौथ का व्रत करती हैं। यह व्रत हर्ष, उल्लास व उमंग के साथ अपने पति की दीर्घायु के लिए रखा जाता है। ज्योतिषी  विमल जैन के अनुसार इस बार यह व्रत गुरुवार, 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। करवा चौथ की पूजा चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी तिथि में की जाती है। कार्तिक कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि बुधवार, 12 अक्टूबर को अर्धरात्रि  के पश्चात 2 बजकर 00 मिनट पर लगेगी जो कि अगले दिन गुरुवार, 13 अक्टूबर को अर्धरात्रि के पश्चात 3 बजकर 09 मिनट तक रहेगी। करक चतुर्थी (करवा चौथ) का व्रत गुरुवार, 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। चन्द्रोदय रात्रि 7 बजकर 55 मिनट पर होगा।

पूजा का विधान
पूजा क्रम में करवा जो कि सोना, चाँदी, पीतल या मिट्टी का होना चाहिए, लोहे या अल्युमीनियम धातु का नहीं होना चाहिए। करवा में जल भरकर सौभाग्य व शृंगार की समस्त वस्तुएँ थाली में सजाकर रखी जाती है। व्रती महिलाएँ अपने पारिवारिक परम्परा व धार्मिक विधि-विधान के अनुसार रात्रि में चन्द्र उदय होने के पश्चात् चन्द्रमा को अघ्र्य देकर उनकी पूजा-अर्चना करती हैं। तत्पश्चात् चन्द्रमा को चलनी से देखकर उनकी आरती उतारती हैं। घर-परिवार में उपस्थित सास-श्वसुर, जेठ एवं अन्य श्रेष्ठजनों को उपहार देकर उनसे आशीर्वाद लेती हैं। साथ ही सुहाग की समस्त वस्तुएँ अन्य सुहागिन महिलाओं को देकर उनका चरण स्पर्श कर खुशहाल जीवन का आशीर्वाद लेती हैं। अपने खुशहाल जीवन के लिए तथा पति-पत्नी के रिश्ते को और अधिक मधुर व प्रगाढ़ बनाने के लिए करवा चौथ का व्रत विशेष फलदायी बतलाया गया है।
जन्मतिथि के अनुसार रंगों का चयन
जिनका जन्म 1, 10, 19 या 28 को हुआ हो, उनके लिए—लाल, गुलाबी, नारंगी। 2, 11, 29 के लिए—चमकीला सफेद और क्रीम। 3, 12, 21 एवं 30 के लिए—पीला या सुनहला पीला। 4, 13, 22, 31 के लिए—चमकीला एवं मिश्रित चटकीला रंग। 5, 14, 23 के लिए—चमकीला सफेद व सफेद। 7, 16, 25 के लिए—चमकीला  तथा मिश्रित रंग। 8, 17, 26 के लिए—नीला व भूरा रंग। 9, 18, 27 के लिए—लाल, गुलाबी, नारंगी।
राशि के अनुसार करें परिधान धारण

करवा चौथ के पर्व को और अधिक खुशनुमा बनाने के लिए राशियों के रंग के मुताबिक महिलाएँ परिधान धारण करें तो सौभाग्य में वृद्धि तो होगी ही साथ ही उनको अन्य लाभ भी मिलेगा। सामान्यत: सुनहरा, पीला और लाल रंग के परिधान धारण करना शुभ माना गया है। लाल रंग से ऊष्मा व ऊर्जा का संचार होता है, वहीं पर सुनहले व पीले रंगों से जीवन में प्रसन्नता मिलती है। आजकल राशि के अनुसार आभूषण व परिधान धारण करने का प्रचलन बढ़ रहा है। कौन-सा रंग किस राशियों के लिए लाभदायक रहेगा—मेष-लाल, गुलाबी एवं नारंगी। वृषभ-सफेद एवं क्रीम। मिथुन-हरा व फिरोजी। कर्क-सफेद व क्रीम। लाल -केसरिया, लाल व गुलाबी। कन्या-हरा व फिरोजी। तुला-सफेद व हल्का नीला। वृश्चिक-नारंगी, लाल व गुलाबी। धनु-पीला व सुनहरा। मकर व कुम्भ-भूरा, स्लेटी व ग्रे। मीन-पीला व सुनहरा।

 

 करवा चौथ (करक चतुर्थी) व्रत : 13 अक्टूबर, गुरुवार को

अखण्ड सौभाग्यवती का व्रत रखती हैं सुहागिन महिलाएँ
चन्द्रोदय होगा रात्रि 07 बजकर 55 मिनट पर

विमल जैन
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